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तेजी से फैलते अहमदाबाद में सिमट रही है हरियाली

| Updated: January 5, 2023 11:28 am

अहमदाबाद: उतरते हुए विमान की खिड़की से देखने पर अहमदाबाद रंग-बिरंगी टुकड़ों से बनी रजाई जैसा लगता है। दुर्भाग्य से, इसमें से हरा रंग तेजी से कम होता जा रहा है। शहर के बदलते परिदृश्य का दस्तावेजीकरण करने वाली गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में 2011 और 2020 के बीच शहर के निर्मित क्षेत्र (built-up area) में 87.39 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दिखाई गई है।

वहीं, शहर में वनस्पति आवरण (vegetation cover) के मामले में 30.26 वर्ग किलोमीटर की कमी दर्ज की गई है। इसने 57.13 वर्ग किलोमीटर खुली भूमि भी खो दी है, जिसका उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों (public purposes) के लिए किया जा सकता था।

यह रिपोर्ट वैज्ञानिक पत्रिका जियोग्राफिका पैनोनिका के दिसंबर 2022 संस्करण में प्रकाशित हुई थी। यह रिसर्च दरअसल इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग, विश्वकर्मा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के अल्पेश पटेल और न्यू एलजे इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के अनिल सुथार ने किया है। उन्होंने एक दशक में हुए परिवर्तनों को ट्रैक करने के लिए भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट IRS-R2 से ली गई तस्वीरों का उपयोग किया। मार्च 2022 में, आईआईटी-रुड़की और बेंगलुरु में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के पृथ्वी विज्ञान के शोधकर्ताओं (earth sciences researchers) ने एक हीट मैप तैयार किया। इसमें दिखाया गया कि कुछ क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के लिए घटते पेड़ों का आवरण (depleting tree cover) जिम्मेदार था।

अध्ययन में बताया गया है कि 2030 तक सरखेज, शिलाज, सोला, चंदकेड़ा, मोटेरा, त्रगड, अमियापुर, ओग्नाज और साबरमती के कुछ हिस्सों में गर्मियों के दौरान तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। गोटा, जगतपुरा और अंबली और अन्य पश्चिमी क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। हालांकि, सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र नदी के पूर्वी हिस्से में होंगे। इनमें हवाई अड्डे, हंसोल, शाहवाड़ी, पिपलाज, नारोल गाम, वटवा, इसनपुर, मणिनगर, बेहरामपुरा, केलिको मिल्स, खोडियारनगर, इंदिरानगर और लांभा शामिल हैं, जिनमें 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान का अनुभव होगा।

2020 में इनमें से अधिकांश क्षेत्रों में गर्मियों में औसत तापमान 35°C और 40°C के बीच था।

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