2008 में अहमदाबाद के अलग-अलग इलाकों में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले का फैसला मंगलवार को सुनाया जायेगा. मामले की सुनवाई विशेष अदालत के न्यायाधीश एआर पटेल ने की है. घटना के 14 साल बाद 76 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में अंतिम बहस पूरी हो चुकी है. कई पुलिस अधिकारियों के बयान भी लिए गए. गौरतलब है कि अहमदाबाद में हुए 20 बम धमाकों में 58 बेगुनाह लोग मारे गए थे. जबकि 244 लोग घायल हो गए। हालांकि, उसके बाद से भारत में एक भी सीरियल ब्लास्ट नहीं हुआ है.
26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद में शहर में सिलसिलेवार 20 बम धमाकों में 58 लोग मारे गए और 244 अन्य घायल हो गए. इस मामले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 अलग-अलग बम धमाकों की साजिश रचने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस प्रकार एक साथ कुल 35 मामले एकत्र किए गए हैं। मामले में 76 से अधिक आरोपियों को अपराध शाखा ने उठाया और उनके खिलाफ विभिन्न पूरक आरोप पत्र दायर किए गए. जबकि इस मामले में 8 आरोपी ऐसे हैं जिनकी पुलिस को अभी भी तलाश है.
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इस मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने 1163 गवाहों की गवाही ली. जबकि सरकार की ओर से 1237 गवाहों को ड्रॉप किया गया है. इस मामले में अधिकांश गवाहों ने गवाही दी.मामले का मास्टरमाइंड यासीन भटकल दिल्ली जेल में बंद है जबकि जुहापुरा का तौफीक अब्दुल सुभान कोच्चि जेल में बंद है। उसके खिलाफ मामला अभी तक खुला नहीं है.
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उल्लेखनीय है कि इस मामले में अन्य राज्यों की जेलों में बंद यासीन भट्टकल समेत आरोपी के खिलाफ मामला इकट्ठा करने के लिए जांच एजेंसी की ओर से कोर्ट में दायर याचिका पर आने वाले दिनों में सुनवाई होगी.अहमदाबाद मामले में साजिश और विस्फोट के आरोपी अयाज सैयद ने ताज के गवाह के तौर पर अदालत में गवाही दी.
कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सिटी सेशन कोर्ट में 8 फरवरी को हुए बम विस्फोट के फैसले के बाद सेक्टर 1 के जाइंट कमिश्नर राजेंद्र असारी सहित एक डीसीपी और एक पुलिस काफिले को कोर्ट परिसर में तैनात किया गया है. साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है.शहर के संवेदनशील इलाकों में भी विशेष सतर्कता के आदेश दिए गए हैं. यह भी सुझाव दिया गया है कि दोपहर तक कोई भी व्यक्ति बिना काम के अदालत परिसर में प्रवेश न करे.