अहमदाबाद नगर निगम ने बैंकों और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से सोमवार को अहमदाबाद के गोमतीपुर पुलिस मुख्यालय में रजिस्टर्ड स्ट्रीट वेंडर्स को 10,000 रुपये का ऋण देने के लिए लोक दरबार लगाया।
दरबार में आसपास के इलाकों के करीब 300 स्ट्रीट वेंडर्स ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के तहत 2020 में एक लाख से अधिक वेंडर रजिस्टर किए गए थे।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए एएमसी में शहरी सामुदायिक विकास विभाग के महेश कुमार दर्जी ने बताया: “स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान के लिए सर्वेक्षण 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन यह योजना 2020 में पूरी तरह से शुरू हो पाई थी। इन पर महामारी के प्रभावों का अध्ययन करते हुए हमने महसूस किया कि बहुत से लोग पीएम स्वनिधि के बारे में नहीं जानते। महामारी के दौरान आत्महत्या से होने वाली मौतों में भी वृद्धि हुई थी। साथ ही, साहूकारों को अनपढ़ विक्रेताओं को फंसाने के लिए जाना जाता है। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए हम पंजीकरण प्रक्रिया में उतर गए।
सभी राष्ट्रीयकृत (nationalised) बैंक इस योजना का हिस्सा हैं, और प्रत्येक बैंक का एक प्रतिनिधि भी इस प्रक्रिया में मदद के लिए उपलब्ध था। ऋण प्राप्त करने के लिए विक्रेताओं को अपना आधार कार्ड, बैंक खाता और पथ विक्रेता पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा।
लोन तीन चरणों में दिया जाता है। पहला लोन 10,000 रुपये का है, जिसे 12 महीने में चुकाना होता है। इसके बाद विक्रेता 20,000 रुपये की बड़ी राशि पाने के लिए योग्य हो जाता है, जिसे 18 महीने के भीतर चुकाना होता है। फिर 50,000 रुपये की राशि के लिए।
यदि विक्रेता छह महीने के भीतर राशि का भुगतान कर देता है, तो वह खुद ब खुद अगली राशि पाने के लिए योग्य हो जाता/जाती है। डिफॉल्टर्स को किसी अन्य योजना में भी कोई लोन नहीं दिया जाता।
दर्जी ने कहा, “हालांकि, हम उन्हें योजना के महत्व और इसके लाभों को समझाते हैं, और उन्हें वापस जोड़ते हैं। बैंक आरबीआई के क्रेडिट गारंटी फंड से जुड़े हैं, इसलिए उन्हें नुकसान नहीं होता है।”
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