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अहमदाबाद – 11. 30 लाख के सोने के गहने चोरी के तीन आरोपी निर्दोष बरी

| Updated: October 5, 2022 5:10 pm

अहमदाबाद (Ahmedabad )के बापूनगर पुलिस स्टेशन( Bapunagar Police Station )अंतर्गत 6 साल पहले सोनी के स्कूटर की डिग्गी को डुप्लीकेट चाबी Duplicate key के सहारे खोलकर बैग में रखे  11 लाख के गहने और 30 हजार नगद समेत बैग पार करने के आरोप में में गिरफ्तार तीन आरोपियों को अहमदाबाद एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत (Ahmedabad Additional Chief Metropolitan Magistrate’s Court )ने सबूत के आरोप में निर्दोष बरी( acquitted innocent)कर दिया।

अदालत सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 27 जून 2016 को शाम 8 . 45 बजे निलेश महेश सोनी जिनकी रतनपोल में ज्वेलरी की दुकान है , अपनी स्कूटर लेकर पास में ही खरीदी करने गए थे।  स्कूटर की डिग्गी में वह बैग रख कर गए थे ,बैग में 11 लाख के सोने के गहने और 30 हजार रुपये नगद थे। खरीदी के बाद घर जाकर जब निलेश ने डिग्गी खोली तो बैग गायब था।  जिसकी शिकायत उन्होंने बापूनगर पुलिस स्टेशन (Bapunagar Police Station) में दर्ज करायी।

बापूनगर पुलिस ने इस मामले में जाँच के दौरान तीन आरोपियों प्रतीक उर्फ़ लगड़ो मुनीरभाई बजरंगी निवासी नवखोली सिंगलचाली छारानगर , कुबेर नगर अहमदाबाद , सिद्धार्थ उर्फ़ नरसिंह जयराज भाई इन्द्रेकर निवासी मकान नंबर 49 , मोटवाणी बांग्ला के सामने बांग्ला एरिया रोड कुबेरनगर , अहमदाबाद तथा धमू उर्फ़ धर्मेश राजू भाई तमाइचे निवासी  सिंगलचाली  कुबेर नगर को गिरफ्तार किया था।पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड हांसिल किया।  रिमांड के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से मुद्दामाल जब्त कर उसका पंचनामा कर न्यायलय में पेश किया।  पुलिस द्वारा अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद न्यायिक कार्यवाही शुरू हुयी।

न्यायिक कार्यवाही दौरान एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमए माकरणी (Additional Chief Metropolitan Magistrate MA Makarni) की अदालत में सरकार की तरफ से एपीपी भावीनी जानी( APP BHAVINI JANI )ने दलील की जबकि आरोपियों की तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमए माकरणी ने अपने फैसले में कहा कि फरियादी ने अपनी गवाही के दौरान कहा है कि घटना के कुछ समय  अदालत के माध्यम से उन्हें उनके गहने मिल गए है , लेकिन उन्हें नहीं पता कि चोरी किसने किये थे , वह मामले को नहीं चलाना चाहते और ना कि उनके पास कोई और सबूत हैं।  इसलिए केवल फरियादी की शंका के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता , जबकि इस मामले में फरियादी से प्रति सवाल भी नहीं किये गए हैं। आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है।

न्यायिक कार्यवाही दौरान एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमए माकरणी ने तीनो आरोपियों को सबूत के अभाव में आईपीसी की धारा 379 ,114 के आरोप से बरी करने का आदेश दिया।

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