शाहीबाग में 7 जनवरी को ऑर्किड ग्रीन सोसाइटी की सातवीं मंजिल के अपार्टमेंट में आग लगने से 17 वर्ष की प्रांजल जीरावाला की मौत हो गई थी। उसकी मौत के पीछे एक प्रमुख कारण अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज (एएफईएस) विभाग था, क्योंकि आग से बचाव के लिए उसके पास जो सीढ़ी थी, वह 21 मीटर की ऊंचाई पर सातवीं मंजिल तक पहुंचने लायक नहीं थी।
विभाग के पास 54 मीटर और 80 मीटर की ऊंची इमारतों के लिए दो रेटिंग वाली हाइड्रोलिक फायर स्नोर्कल लैडर हैं। शहर में 45 मीटर और 70 मीटर ऊंची 50 से अधिक इमारतें हैं। इनमें से अधिकांश शहर के पश्चिमी भागों में हैं, और उनका निकटतम फायर स्टेशन थलतेज है, जिसके पास 80 मीटर फायर स्नोर्कल सीढ़ी है। हालांकि, यह पिछले एक महीने से खराब पड़ा है। 54 मीटर फायर स्नोर्कल लैडर जमालपुर और निकोल फायर स्टेशनों पर तैनात हैं।
थलतेज में 80 मीटर फायर स्नोर्कल सीढ़ी पिछले एक महीने से सेवा से बाहर है। आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड को जमालपुर या निकोल फायर स्टेशनों से स्नोर्कल तैनात करने होंगे। इसमें 15 से 20 मिनट लग सकते हैं।
80 मीटर के प्लेटफॉर्म की मरम्मत की जरूरत है, जिस पर 9.5 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस मरम्मत कार्य को कराने का प्रस्ताव तैयार कर स्थायी समिति की बैठक में रखा जाएगा।
पिछले साल अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (एयूडीए) ने 100 मीटर से अधिक ऊंची छह इमारतों को मंजूरी दी थी। लेकिन आग से बचाव के लिए जरूरी उपकरणों की कमी से एएफईएस बौना साबित हो रहा है।
दिसंबर 2021 में विभाग ने अपनी पंचवर्षीय विकास योजना के तहत 100 मीटर हाइड्रोलिक स्नोर्कल की मांग की थी। इस उपकरण की लागत लगभग 40 करोड़ रुपये है। निगम ने अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया है।
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