एकीकृत ऑनलाइन राजस्व आवेदन (Integrated Online Revenue Applications ) पोर्टल को रेवेन्यू विभाग ने रिटर्न दाखिल करने वालों की सहूलियत के लिए बनाया था। यह विशेष रूप से गैर-कृषि (NA) अनुमति, प्रीमियम का भुगतान, किसान सत्यापन प्रमाण पत्र (verification certificates) पाने या अन्य विभिन्न प्रमाणपत्रों के लिए आवेदन करने वालों के लिए था। लेकिन ऐसी कई शिकायतें मिलने लगीं कि “मामूली बातों” को आधार बना कर आवेदन खारिज किए जा रहे हैं। ऐसे में अब अधिकारियों को अधिक मिलनसार होने और मामूली बातों पर आवेदन नहीं खारिज करने के लिए कहा गया है।
स्टांप और राजस्व जांच अधीक्षक (superintendent of stamps and revenue investigation) जेनू देवन के अनुसार, “इस तरह का एक आधिकारिक नोट 15 फरवरी को सभी जिला कलेक्टरों को भेजा गया था। सभी को ऑनलाइन आवेदनों की निगरानी करने और रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया था कि कितने का पॉजीटिव रूप से निपटारा किया गया। पोर्टल का मुख्य उद्देश्य विफल हो जाता है, यदि नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने और व्यक्तिगत रूप से पूरी प्रक्रिया से गुजरने के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसा लगता है कि फोकस की कमी है और हम इस पर काम कर रहे हैं।”
आवेदन खारिज करने के आधार के रूप में दस्तावेजों को संलग्न नहीं किए जाने के मामले में देवन ने कहा: “सरकार के पास सभी रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। हमें सिर्फ विभागों के बीच तालमेल बनाने की आवश्यकता है, ताकि गुजरात काश्तकारी और कृषि भूमि कानून या किसान प्रमाण पत्र जैसे कागजात की कमी, पोर्टल पर कामकाज में बाधा न बने।”
पत्र में आगे कहा गया है: “यह सुनिश्चित करना कलेक्टर की जिम्मेदारी है कि अनावश्यक मुद्दों पर आवेदनों को खारिज न किया जाए। इसलिए उन्हें एकीकृत ऑनलाइन राजस्व आवेदन (IORA) पोर्टल पर आवेदनों को पॉजीटिव रूप से अधिक से अधिक निपटाने के लिए कहा जाता है, ताकि नागरिकों को असुविधा न हो।”
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