अमृतसर — सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ, जो 23 अप्रैल से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे, को बुधवार सुबह भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।
BSF के अनुसार, यह वापसी प्रक्रिया अटारी, अमृतसर स्थित संयुक्त चेक पोस्ट पर सुबह करीब 10:30 बजे शांतिपूर्वक और तय प्रोटोकॉल के तहत संपन्न हुई।
पश्चिम बंगाल के निवासी कांस्टेबल शॉ को अब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पूछताछ और मेडिकल जांच के लिए रखा गया है।
BSF ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “आज 1030 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान से वापस लिया गया। कांस्टेबल शॉ 23 अप्रैल 2025 को सुबह 1150 बजे फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।”
शॉ के परिवार ने उनके सुरक्षित लौटने पर राहत और आभार व्यक्त किया। एक पारिवारिक सदस्य ने पत्रकारों से कहा, “आज हमारा परिवार बहुत खुश है। हम केंद्र सरकार और BSF के अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयास किए। पिछले दो हफ्ते हमारे लिए चिंता और बेचैनी से भरे हुए थे।”
उन्होंने आगे कहा, “अब हम बेसब्री से उनके साथ बात करने और उन्हें देखने का इंतजार कर रहे हैं। हमारी दुआएं रंग लाई हैं।”
BSF जवान की वापसी पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी देखने को मिली। तृणमूल कांग्रेस ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अब घर लौटे। कई दिनों की चिंता और अनिश्चितता के बाद BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ की वापसी हुई है। इस कठिन समय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार उनकी पत्नी से बात कर उन्हें भरोसा और समर्थन दिया। हम पूर्णम के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की शीघ्र बहाली की कामना करते हैं।”
वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए X पर लिखा, “एक बार फिर यह साबित हो गया है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के निर्णायक नेतृत्व में कोई भी भारतीय पीछे नहीं छोड़ा जाता। BSF के जवान श्री पूर्णम कुमार शॉ की सुरक्षित वापसी भारत की कूटनीति, संकल्प और राष्ट्रीय गौरव की जीत है।”
182वीं बटालियन से जुड़े कांस्टेबल शॉ 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्यूटी पर तैनात थे। जानकारी के अनुसार, वह वर्दी में थे और अपनी सेवा राइफल के साथ सीमा की बाड़ के निकट तैनात थे, जब वह आराम करने के लिए एक छायादार स्थान की ओर बढ़े और अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए। वहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया।
घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच फ्लैग मीटिंग कर मामले को सुलझाने और जवान की वापसी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
गौरतलब है कि यह घटना 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें बैसारन घाटी में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोगों की जान गई थी।
यह भी पढ़ें- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस के बीच Microsoft ने 6,000 कर्मचारियों की कर डाली छंटनी