कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक और मामले में उन्हें 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई है। हालांकि, यह सजा अंतिम फैसला आने तक जमानती (bail) है। इसलिए जिग्नेश मेवाणी को जेल नहीं जाना पड़ेगा।
इसके पहले मेहसाणा में बिना अनुमति रैली निकालने पर जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) और सुबोध परमार दोषी करार दिया गया था ,इस मामले में 3 माह और जुर्माना लगाया गया था जिसमें सरकार ने सजा बढ़ाने की अपील की थी.
वडगाम विधायक और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) समेत 19 अन्य दोषियों को अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट (Metropolitan Court) ने 2016 के मामले में 6 महीने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 17- अक्टूबर -2022 तक अपील करने का समय देते हुए जमानत भी दे दी।
इस मामले में पुलिस में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए, अदालत ने आज सजा का ऐलान किया, इन तीन मामलों में से एक में 6 महीने की कैद, दूसरे मामले में 500 रुपये और तीसरे मामले में 100 रुपये का जुर्माना लगाया गया.
मामले में दोषी करार दिए गए अधिवक्ता सुबोध परमार ने कहा, ‘2016 में एक आंदोलन हुआ था कि गुजरात विश्वविद्यालय में बने कानून भवन का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन रखा जा रहा , लेकिन हमने इस मांग के साथ विरोध किया कि कानून भवन का नाम डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम पर किया जाना चाहिए। तब हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया गया था कि विजय चार रास्ता में अवैध तौर से इकट्ठा होकर यातायात रोककर उपद्रव किया था। अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुयी थी। इस मामले में फैसला आज दिया गया जिसमें 6 माह का साधारण कारावास तथा 500 रुपए जुर्माना लगाया गया है।”
उन्होंने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम गुजरात के लोगों से भी अनुरोध करना चाहते हैं कि बिलकिस बानो के मामले में छूट नीति के नाम से जेल से रिहा कर दिया जाता हैं वहीं दूसरी ओर सरकार की जनविरोधी नीतियों की आवाज उठाने के लिए आंदोलनकारियों को जेल में डाला जा रहा है.
आरोपियों को अदालत द्वारा 17-10-2022 तक लंबित अपील पर जमानत पर रिहा कर दिया गया है और इस मामले में प्रत्येक आरोपी को 5,000 रुपये की जमानत पर रिहा किया गया है।
इस मामले में विधायक 1. जिग्नेश नटवर भाई मेवाणी सहित 2. राकेश भीखाभाई महरिया 3. फेनिल महेंद्र भाई मेवाड़ा 4. अमित हीरालाल चावड़ा5. विरल रमेश कुमार मेवाणी6. भूपत डूंगर भाई सोलंकी7. धीरज मेघा भाई प्रियदर्शी (मृतक) 8. जय वेलजी भाई परमार 9. सुबोध बलदेव भाई परमार 10. नरेश मेरुभाई परमार 11. चंद्रेश नगरभाई वनिया 12. शांतिलाल देवभाई राठौर 13. भारत ईश्वरभाई परमार 14. यश जीतेंद्र कुमार मकवाना15. किरीट परागभाई परमार16. रंजीत त्रिभोवनभाई वाघेला 17. दीक्षित प्रेमजीभाई परमार 18. जगदीश कामभाई सोलंकी 19. कमलेश रणछोड़भाई सोलंकी और 20. असाय कल्याणभाई राठौर कुल 20 दोषियों को सजा सुनाई गई है, जिनमें से एक दोषी धीरज मेघाभाई प्रियदर्शी की मृत्यु हो गई है।