दोस्ती एक ऐसा रिश्ता जिसे शब्दों में बयान करना बहुत मुश्किल है पर अगर कहे तो, कभी कभी जाने अनजाने हम कुछ ऐसे लोगों से मिल जाते है ना हो उम्मीद फिर भी उनके दोस्त बन जाते है। जिक्र किया जा रहा है कुछ ऐसी दोस्ती के किस्सों का जिनमे कल्पना भी नहीं थी पर फिर भी दोस्ती का अद्भुत रिश्ता बन गया।
राज्यों की भिन्नता बनी दोस्ती की वजह
यह किस्सा है अलग अलग राज्यों से अहमदाबाद आई 4 लड़कियों का जिसमे पल्लवी उड़ीसा
से,उत्कर्षा नागपुर से, पूजा माउंट आबू से व सागरिका नागपुर से है।जब पल्लवी से उनकी पहली
मुलाकात व बात के बारे में पुछा गया उन्होंने बताया की, “कॉलेज में पहली बार हमारी बात
इन्ट्रोडक्शन सेशन के दौरान हुई , जहां चारों ओर गुजराती थे वहाँ हम चार अलग अलग राज्यों से थे। वैसे हमे गुजराती समझ नहीं आती थी तो हम चार ही थे जो आपस में हिन्दी में बात करते थे तो इस तरह ना सोचते हुए भी हम दोस्त बन गए।”
वहीं सागरिका ने बताया की, “कोविड के दौरान लॉकडाउन में हम घर नहीं जा पाए उस बीच मेरी तबीयत खराब हो गई इन तीनों ने बिना कोरोना की परवाह किए मेरा बहुत ध्यान रखा और मुझे परिवार की कमी महसूस नहीं होने दी , वैसे हमारी दोस्ती काफी फिल्मी है जो ‘वीरे दी वेडिंग’ फिल्म व ‘फोर मोर शॉट्स’ सीरीज का मिश्रण है। और इस 2019 में हुई दोस्ती को हम 90 वर्ष तक चलाएंगे,(हँसते हुए)वैसे आगे का भी सोचना पड़ेगा!
‘हम देवरानी-जेठानी नहीं हम दोस्त है।’
यह सुनकर आपको थोड़ा धक्का लगा होगा पर यह दोस्ती की कहानी असली है। रीना और अमोला रिश्ते में तो देवरानी जेठानी है पर उनका मुख्य रिश्ता दोस्ती का है जब वाइब्ज़ ऑफ इंडिया ने अमोला से बात की तो उनका कहना था की , “हम दोनों 25 साल से साथ है , हम दोनों की उम्र समान है, हम दोनों का रियल डायमंड की मार्केटिंग का पेशा भी समान है, और राज की बात यह है की हम दोनों की सोच भी समान है। रीना देवरानी जेठानी के रिश्ते से पहले मेरी जिम पार्टनर,सलून पार्टनर, नैल आर्ट पार्टनर और शॉपिंग पार्टनर है।”
उनके रिश्ते के बरकरार रहने के पीछे वजह एक ही है की वो कहासुनी पर भरोसा नहीं करते और एक दूसरे के ऊपर विश्वास करते है।
गुलजार की कविता से बने दोस्त
वैसे तो फेसबुक,इंस्टाग्राम की दोस्ती को कुछ हद तक इतना करीबी तौर पर नहीं देखा जाता है पर कितना अजीब हो की कविताओं का शौक आपको फेसबुक से दोस्त बनाए और फ्रेंड से बेस्ट फ्रेंड बनाए। भावनगर में रहने वाले डॉ.जय मेहता जो इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट में लेक्चरर है और
अहमदाबाद में रहने वाले केयूर त्रिवेदी के साथ जो बिजनेस इग्ज़ेक्युटिव के रूप में कार्यरत है। केयूर ने बताया की, “दोनों ही शुरुआत से गुलजार की कविताओं के शौकीन है एक बार किसी कॉमन फ्रेंड की फेसबुक वॉल पर दोनों ने गुलजार की कविता से जुड़ा पोस्ट देखा, तो मैंने रीक्वेस्ट भेजी , और धीरे-धीरे कविताओं की चर्चा से हम हमारी ज़िंदगी से जुड़ी बाते भी बांटने लगे। 2015 से हमारी दोस्ती की शुरुआत हुई और 2017 में जय अहमदाबाद शिफ्ट हो गया उसके बाद एक साथ हमने साहित्य और कविताओं से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लिया।
वहीं उनके अनुसार, “लोग हमें कुम्भ में बिछड़े हुए भाई भी कहते है।अगर हम हमारी समानताओं की शुरुआत से लिस्ट बनाते तो ना जाने कितनी किताबें बन जाती। दोस्ती उम्र देख कर नहीं होती हमारी दोस्ती 30 की उम्र के बाद हुई पर ज़िंदगी भर हमारा साहित्य प्रेम हमें जोड़े रखेगा। “
दोस्ती कभी भी कहीं भी हो सकती है उसके लिए उम्र ,धर्म, जाति या राज्य की कोई सीमा नहीं होती बस दिल और स्वभाव मिल जाए और दोस्ती वहीं शुरू हो जाती है।