अंगदान कर मौत के बाद गीताबेन ने चार परिवारों को दी अनमोल ख़ुशी -

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अंगदान कर मौत के बाद गीताबेन ने चार परिवारों को दी अनमोल ख़ुशी

| Updated: June 17, 2022 19:28

  • डोनेट लाइफ के माध्यम से अपनी किडनी और आंखें दान की

मौत दुखद ही होती है , लेकिन कुछ लोग अपनी मौत के बाद भी किसी की अनमोल ख़ुशी का कारण बन जाते है , खुशी भी ऐसी जिसे आप ना तो पैसे से खरीद सकते ना ही शोहरत से हांसिल कर सकते हैं। शाहजहाँ ने अपने प्रेम को कायम रखने के लिए ताजमहल बनवाया लेकिन भरत भाई ने अपने प्रेम को अमर करने के लिए जो किया वह उससे भी बढ़कर था। आखिर किसी को याद करने का अंगदान कर किसी को नई जिंदगी देने से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है । 46 वर्षीय गीताबेन भरतभाई परमार की सड़क दुर्घटना में हुयी मौत के बाद उनके पति ने आँखे और किडनी दान करके चार परिवारों को नयी जिंदगी दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक 12 जून को कामरेज निवासी 46 वर्षीय गीताबेन भरतभाई परमार पुत्र के साथ मोटरसायकल में बैठकर बहन के घर से वापस अपने घर जा रही थी लेकिन रास्ते में चक्कर आने के कारण वह चलती मोटर सायकल से गिर गयी जिससे उन्हें सिर में गंभीर चोट लगी। जिसे तत्काल इलाज के लिए नजदीक के जीबी वाघणी अस्पताल ले जाया गया,। जहा सिटी स्कैन करने पर पता चला उनके ब्रेन हेमरेज के कारण मस्तिष्क में रक्त का थक्का बन गया। डॉक्टर ने क्रैनियोटॉमी की और मस्तिष्क से रक्त के थक्के को हटा दिया। आगे के इलाज के लिए उन्हें डॉ. कल्पेश चोपड़ा के इलाज के लिए किरण अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गुरुवार 16 जून को न्यूरोफिजिशियन डॉ. हीना फलदू इंटेंसिविस्ट डॉ. अपेक्षा पारेख, फिजिशियन डॉ. कल्पेश चोपड़ा और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मेहुल पांचाल ने गीताबेन को ब्रेनडेड घोषित कर दिया।

मौत की दुखद खबर जानने के के बाद गीता बहन के पति भरत परमार ने तय किया वह अपनी पत्नी को यू ही नहीं मरने देंगे , उन्होंने डोनेट लाइफ से संपर्क कर पत्नी के अंग दान का निर्णय किया ताकि उनकी पत्नी के कारण किसी के परिवार में ख़ुशी आ सके।

SOTTO द्वारा किरण अस्पताल, सूरत को किडनी और लीवर दान किया गया। किरण अस्पताल, सूरत के डॉ. जिग्नेश घेवरिया, डॉ. प्रमोद पटेल, डाॅ. जेमिनी के. ऐन, डॉ. कल्पेश गोहिल व उनकी टीम ने किडनी का दान स्वीकार किया, फैटी लीवर के लीवर डोनेट कारण नहीं हो सका। नेत्र दान डॉ संकित शाह ने स्वीकार किया।

दान में मिली एक किडनी सूरत निवासी 6 6 वर्षीय वृद्ध को ट्रांसप्लांट की गयी , जबकि दूसरी किडनी बारडोली निवासी 39 साल के युवा में ट्रांसप्लांट की गयी । जबकि आँख सूरत की एक 40 वर्षीय महिला और दूसरी बिलिमोरा की 39 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित की गयी .

डोनेट लाइफ के संस्थापक-अध्यक्ष नीलेश मंडलेवाला के मार्गदर्शन में पूरी अंगदान प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।

डोनेट लाइफ द्वारा सूरत और दक्षिण गुजरात से कुल 1013 अंगों और ऊतकों का अंगदान किया गया है, जिसमें 428 किडनी, 182 लीवर, 8 अग्न्याशय, 4 0 ह्रदय , 26 फेफड़ा ,4 हाथ और 330 आंखों के दान से कुल 931 व्यक्तियों को नया जीवन और नई दृष्टि दी गई है।

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