गूगल ने सोमवार को भारत की प्रथम महिला सत्याग्रही , प्रसिद्ध लेखिका व कवियत्री और स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन का सम्मान प्रदान करने के लिए उनके 117वीं जयंती के अवसर पर डूडल जारी किया।
प्रारम्भिक जीवन
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 1904 में यूपी के निहालपुर गांव के एक राजपूत परिवार में हुआ था और उन्होंने छोटी उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था।उन्होंने 1919 में प्रयागराज के क्रॉस्थवेट गर्ल्स स्कूल से मिडिल-स्कूल की परीक्षा पास की।स्कूल जाते समय घोड़े की गाड़ी की सवारी करते हुए भी लिखने के लिए जानी जाती थीं। उनकी पहली कविता 9 साल की उम्र में प्रकाशित हुई थी।
खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान के साथ विवाह के बाद, वह ब्रिटिश राज के खिलाफ महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुईं और बाद में देश की पहली महिला सत्याग्रही बनीं।
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
चौहान एक प्रसिद्ध कवियत्री थी और उनके द्वारा लिखित राष्ट्रीय कविता ‘झांसी की रानी’ को हिंदी साहित्य में सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला माना जाता है।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की एक प्रतिभागी के रूप में, उन्होंने अपने प्रभावशाली लेखन और कविताओं का इस्तेमाल नागरिकों को राष्ट्र की संप्रभुता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए किया। उनके पद्य और गद्य मुख्य रूप से भारतीय महिलाओं की कठिनाइयों और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके द्वारा चुनौतियों के सामने करने पर केंद्रित थे।उन्होंने देश प्रेम को व्यक्त करते हुए कुल 88 कविताओं और 46 लघु कथाओं को प्रकाशित किया।
और इसी तरह देश सेवा और देश प्रेम में लेखन के ज़रिए अग्रणी भूमिका निभाते हुए सुभद्रा कुमारी चौहान का 15 फरवरी 1948 को निधन हो गया।