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हिन्दू समाज ढोंगी नंबर -1 ; राज्यपाल आचार्य देवव्रत का विवादित बयान

| Updated: September 8, 2022 10:51 am

  • गौ माता की पूजा भी करते हैं , दूध नहीं दे तो बाहर भी निकाल देते हैं

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने एक समारोह के दौरान हिन्दू समाज को ढोंगी नंबर -1 करार दिया। महामहिम राज्यपाल ने कहा की ” मनुष्य गौ माता की पूजा करता है ,माथे पर तिलक लगाता है लेकिन यदि गौ माता दूध देना बंद कर देती हैं तो घर से बाहर निकल देता है , जो गौ माता का दूध नहीं पीता ,गाय भी नहीं पालता ऐसे लोग भी स्वार्थ के लिए गौ माता की जय बोलते हैं। हिन्दू समाज ढोंगी नंबर 1 है । “

नर्मदा जिले के नादोद तालुका के पोईचा गाव मे नीलकंठ धाम स्वामीनारायण मंदिर मे ” प्राकृतिक खेती- प्रकृति के शरण में ” विषय पर आयोजित कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए राज्यपाल शास्त्री ने आगे कहा कि ” इसलिए कहता हु इस दुनिया के असंख्य प्राणियों मे मनुष्य सबसे ढोंगी ,पाखंडी ,बनावटी ,तथा दिखावा करने वाला प्राणी है । हिन्दू समाज ढोंगी नंबर 1 है ।”

इस कार्यक्रम के दौरान भरूच सांसद मनसुख वसावा , जिला पंचायत के पूर्व प्रमुख पर्युषा वसावा ,जिला कलेक्टर श्वेता तेवतिया ,जिला विकास अधिकारी अंकित पन्नू ,पूर्व मंत्री मोती सिह वसावा समेत अधिकारी और भाजपा नेता मौजूद रहे।

राज्यपाल देवव्रत ने कहा ” लोग मंदिर – मस्जिद -गुरुद्वारा – चर्च जाते हैं ,इसलिए कि पूजा करेंगे तो भगवान प्रसन्न होंगे ,लेकिन यदि प्राकृतिक खेती शुरू कर देंगे तो भगवान अपने आप प्रसन्न हो जाएंगे। रासयनिक खेती से प्राणियों की मौत होती है जबकि प्राकृतिक खेती से उन्हें जीवन दान मिलता है।

गुजरात सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने आगे कहा कि “कोरोना काल के अलावा पिछले तीन वर्ष में प्राकृतिक खेती का अभियान खूब तेजी से आगे बढ़ा है , गुजरात में यह दोहरी गति से प्रारंभ हो चूका है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्राकृतिक खेती को संरक्षण दिया है। अकेले नर्मदा जिला में 11 हजार किसानो ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लेकर 3371 एकड जमीन में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। देश के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे तो देश आत्मनिर्भर बनेगा। देश और किसानों को आत्म निर्भर बनाने का एक मात्र रास्ता प्राकृतिक खेती है। आगामी समय में गुजरात प्राकृतिक खेती में देश का नेतृत्व करेगा। जंगल में पेड़ पौधों को किसी तरह की रासयनिक खाद नहीं दी जाती फिर भी उनका विकास होता है , इसी तरह प्राकृतिक खेती भी है , जिसमे रसायन का उपयोग नहीं किया जाता।

देसी गाय के गुणों का बखान करते हुए गुजरात के राज्यपाल देवव्रत ने कहा ” देशी गाय के एक ग्राम गोबर में 300 करोड़ सूक्ष्म जीव होते हैं ,गाय का गौमूत्र खनिजों का भंडार है। देशी गाय के गोबर , गौमूत्र , पानी , दाल के चोकर ,गुड़ ,और माटी के मिश्रण से बना जीवामृत और धन जीवामृत कल्चर के तौर पर काम करता है।

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