हनुमान जन्मोत्सव पर कैसे करे अंजनीपुत्र को प्रसन्न , कब है शुभ मुहूर्त - Vibes Of India

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हनुमान जन्मोत्सव पर कैसे करे अंजनीपुत्र को प्रसन्न , कब है शुभ मुहूर्त

| Updated: April 16, 2022 10:16

हनुमान जन्मोत्सव पर रवि योग बन रहा है. इस योग को कार्य सम्‍पन्न करने के लिए श्रेष्ठतम माना गया है. इस दिन सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती. इसलिए जिस कार्य को अपने आरंभ किया है उसमें सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है. पंचांग के अनुसार हस्त नक्षत्र सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है. इसके बाद चित्रा नक्षत्र आरंभ होगा. बता दें कि इसी दिन चंद्र कन्या राशि में गोचर करेंगे

हनुमान जन्मोत्सव पर रवि योग बन रहा है. इस योग को कार्य सम्‍पन्न करने के लिए श्रेष्ठतम माना गया है. इस दिन सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती. इसलिए जिस कार्य को अपने आरंभ किया है उसमें सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है. पंचांग के अनुसार हस्त नक्षत्र सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है. इसके बाद चित्रा नक्षत्र आरंभ होगा. बता दें कि इसी दिन चंद्र कन्या राशि में गोचर करेंगे

हनुमान जन्मोत्सव का महत्व


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंगबली की विधि-विधान के साथ पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है, लेकिन ध्यान रहे कि हनुमान जी की पूजा करते समय प्रभु श्रीराम की भी पूजा अवश्य करें. भगवान श्रीराम की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है.

प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप

  • ॐ तेजसे नम:
  • ॐ प्रसन्नात्मने नम:
  • ॐ शूराय नम:
  • ॐ शान्ताय नम:
  • ॐ मारुतात्मजाय नमः

हनुमान जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 16 अप्रैल देर रात 02 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त- 17 अप्रैल को सुबह 12 बजकर 24 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक

भगवान बजरंग बलि की पूजा विधि

हनुमान जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर और निवृत्त होकर स्नान जरूर करें. फिर हाथ में गंगाजल लेकर हनुमान जी का ध्यान करें और व्रत करने का संकल्प लें. इसके बाद पूर्व दिशा में भगवान जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें और मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद उन्हें फूल से जल अर्पित करें और पीली रोली या चंदन लगाएं. इसके साथ अक्षत चढ़ाते हुए उन्हें उनका प्रिय भोग लगाएं और जल अर्पित करें. अंत में दीपक जलाकर भगवान हनुमान जी की पूजा करें. इस दौरान हनुमान जी के मंत्र, सुंदरकांड और चालीसा का पाठ करें और आरती अवश्य करें.

इस दिन क्या ना करें

  • पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करें.
  • पूजा में शामिल होने वाले भक्त नमक का सेवन न करें.
  • काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.
  • ब्रह्राचर्य व्रत का पालन जरूर करें.

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