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अडानी यूनिवर्सिटी में ICIDS 2025 का समापन: नेट-ज़ीरो और फ्यूचर-रेडी शहरों के निर्माण पर दिया गया जोर

| Updated: December 19, 2025 20:44

अडानी यूनिवर्सिटी और अदाणी सीमेंट ने की मेजबानी, 'सीमेंट चालीसा' के विमोचन और विश्व उमिया धाम के दौरे के साथ सस्टेनेबिलिटी पर जोर

अहमदाबाद: अडानी यूनिवर्सिटी ने 18 और 19 दिसंबर को अहमदाबाद के शांतिग्राम स्थित अपने कैंपस में ‘इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी’ (ICIDS 2025) पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। अडानी सीमेंट के साथ संयुक्त रूप से आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत और विदेश के नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।

सम्मेलन का मुख्य विषय “रीथिंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, एंड द फ्यूचर ऑफ ग्लोबल स्किल डेवलपमेंट” था, जिसने इंफ्रास्ट्रक्चर को आर्थिक विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के केंद्र में रखा।

उद्घाटन सत्र और प्रमुख विमोचन

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अडानी ग्रुप के सीमेंट बिज़नेस के सीईओ विनोद बाहेती और विशिष्ट अतिथि के रूप में एजीआई इंफ्रा लिमिटेड के एमडी सुखदेव सिंह उपस्थित थे।

इस अवसर पर एक प्रमुख आकर्षण ‘ICIDS 2025 बुक ऑफ एब्स्ट्रैक्ट्स’ और ‘ICIDS 2024 की प्रोसीडिंग्स’ का विमोचन रहा। इसके साथ ही अडानी सीमेंट द्वारा “सीमेंट चालीसा” का भी प्रदर्शन किया गया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बाहेती ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और आर्थिक विकास के बीच मजबूत जुड़ाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग में डिकार्बोनाइजेशन (decarbonisation), डिजिटलीकरण और ग्रीन फाइनेंस को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कार्बन मार्केट्स और विनियामक सुधार (regulatory reforms) जैसी सक्षम नीतियां महत्वपूर्ण हैं।

स्मार्ट सिटी और क्लीन एनर्जी पर चर्चा

तकनीकी सत्र की शुरुआत नयन पारीख एंड कंसल्टेंसी के सीईओ नयन पारीख ने की। उन्होंने इंदौर स्मार्ट सिटी का उदाहरण देते हुए बताया कि प्रभावी नीतिगत ढांचे और तकनीक को अपनाकर 100% अपशिष्ट पृथक्करण (waste segregation) और जीरो लैंडफिल जैसे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य केवल और अधिक संपत्तियां (assets) बनाने में नहीं, बल्कि स्मार्ट और संसाधन-कुशल सिस्टम बनाने में है।

पहले दिन “द रोड टू नेट-ज़ीरो: इंटीग्रेटिंग क्लीन एनर्जी इन टुमॉरोज़ इंफ्रास्ट्रक्चर” विषय पर एक फायरसाइड चैट भी आयोजित की गई, जिसका संचालन डॉ. नमिता प्रज्ञा ने किया। इसमें आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर तरुण गुप्ता, राजीव पाल और विनीत कुमार ने परिवहन और शहरी पारिस्थितिकी तंत्र में स्वच्छ ऊर्जा के एकीकरण पर चर्चा की।

विश्व उमिया धाम का दौरा और समापन

सम्मेलन का दूसरा दिन ‘एक्सीक्यूशन एक्सीलेंस’ पर केंद्रित रहा। इसमें प्रतिभागियों को अहमदाबाद के पास स्थित ‘विश्व उमिया धाम’ परियोजना का दौरा कराया गया। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी राफ्ट फाउंडेशन (raft foundation) के लिए ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है। उमेश सोनी (अडानी सीमेंट) और जैमिन पटेल (पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड) के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट प्लानिंग और सुरक्षा प्रबंधन का प्रदर्शन किया गया।

सम्मेलन के समापन पर अडानी ग्रुप के स्किल्स एंड एजुकेशन के सीईओ रोबिन भौमिक ने ऑटोमेशन, डिजिटलीकरण और ग्रीन टेक्नोलॉजी में क्षमताओं की बढ़ती मांग पर प्रकाश डाला।

ICIDS 2025 का निष्कर्ष यह रहा कि भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर भविष्य स्थिरता (sustainability), तकनीक, कौशल और बड़े पैमाने पर निष्पादन (execution at scale) के एकीकरण पर निर्भर करता है।

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