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गुजरात सरकार का अहम निर्णय गुजराती का लिखित उपयोग अनिवार्य

| Updated: February 19, 2022 5:18 pm

गुजरात सरकार के खेल, युवा और संस्कृति विभाग ने एक प्रस्ताव पारित किया कि गुजरात के 8 महानगरों में सभी सरकारी कार्यालयों, परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर गुजराती भाषा का अनिवार्य रूप से लिखित रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।

गुजरात सरकार ने राज्य में गुजराती भाषा के प्रसार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुजरात सरकार के खेल, युवा और संस्कृति विभाग ने एक प्रस्ताव पारित किया कि गुजरात के 8 महानगरों में सभी सरकारी कार्यालयों, परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर गुजराती भाषा का अनिवार्य रूप से लिखित रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।

निजी स्वामित्व वाले सार्वजनिक स्थानों पर भी गुजराती भाषा के अनिवार्य प्रयोग का निर्देश दिया गया है। सभी नगर आयुक्तों को इस मामले को लागू करना होगा।


किस महानगरों में गुजराती भाषा अनिवार्य है?


अहमदाबाद
वडोदरा
राजकोट

सूरत
भावनगर,
जामनगर
जूनागढ़
गांधीनगर


गुजराती भाषा किन जगहों पर अनिवार्य है?


सिनेमा
थिएटर
बैंक्वेट हॉल
स्कूल कॉलेज
सुपरमार्केट
शॉपिंग मॉल
अस्पताल
होटल-रेस्तरां-कैफे
बैंक
पुस्तकालय
गार्डन


21 फरवरी को गुजराती मातृभाषा दिवस


गुजरात सरकार ने 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस से पहले एक अहम फैसला लिया है। अब तक हम सार्वजनिक स्थानों पर अंग्रेजी में लिखे हुए बोर्ड देखते थे लेकिन अब से ये बोर्ड स्थानीय भाषा में ही दिखेंगे।

इस निर्देश का पालन करना होगा। अंग्रेजी भाषा के बीच स्थानीय भाषा को जीवित रखने का सरकार का यह प्रयास काबिले तारीफ है।
जब अपनी ही भाषा को भूलने लगे, ऐसे में यह संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित होगा। कई राज्यों की अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में बोर्ड हैं। उत्तर भारत में हिंदी भाषा में बोर्ड हैं।

हर जगह अंग्रेजी के साथ-साथ स्थानीय भाषा को भी विकल्प दिया जाना चाहिए।

क्षेत्रीय भाषा का विशेष महत्व

क्षेत्रीय भाषा का विशेष महत्व सामाजिक सांस्कृतिक विकास में भाषा का विशेष योगदान होता है। भाषा के पतन के साथ सांस्कृतिक पतन का इतिहास साक्षी रहा है। जो राज्य -समाज अपनी भाषा के प्रति संवेदनशील नहीं होता और अपने अतीत की जड़ो से दूर हो जाता है।दक्षिण और पूर्वी भारत अपनी भाषा को लेकर जागरूक है इसलिए सांस्कृतिक लगाव की जड़े मजबूत है।

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