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श्रद्धा हत्याकांड में पानी का बिल भी है सुराग

| Updated: November 17, 2022 6:49 pm

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि महरौली में लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की कथित तौर पर हत्या करने और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने वाले आफताब पूनावाला को पानी का बिल क्यों मिला, जबकि हर महीने 20,000 लीटर मुफ्त मिलता है। उसे 300 रुपये का बिल आया है। सूत्रों ने कहा कि इस बिल में ही शरीर के टुकड़े करने की आवाज को छिपाने के लिए लगातार नल चलाना, खून को धोने के लिए गर्म पानी और फ्लैट से दाग हटाने के लिए पानी में केमिकल मिलाने जैसे सुराग छिपे हैं।

कॉलोनी के अधिकतर घरों में 20,000 लीटर पानी खर्च होने पर ‘शून्य’ बिल मिलता है। यानी एक दिन में लगभग 35 बाल्टी पानी पर पैसा नहीं देना पड़ता है। एक परिवार के लिए इतना पानी जरूरत से अधिक है। जांच में कहा गया है कि श्रद्धा के साथ आफताब पूनावाला 14 मई को किराए के फ्लैट में आया था। लेकिन चार दिन बाद यानी 18 मई से ही आफताब अकेले रहने लगा। बताया जाता है कि उसी दिन उसने कथित तौर पर श्रद्धा वाकर की हत्या कर दी थी।

फ्लैट के मालिक रोहन कुमार के पिता राजेंद्र कुमार ने कहा, “इतना अधिक पानी का बिल हैरान करने वाला है।” सूत्रों ने बताया कि रेंट एग्रीमेंट में दोनों के नाम इस तरह हैं: पहले श्रद्धा के, फिर आफताब के। राजेंद्र कुमार ने कहा, ‘वह हर महीने की 8 से 10 तारीख के बीच ऑनलाइन किराया ट्रांसफर करता था। इसलिए मुझे कभी फ्लैट पर जाने की जरूरत नहीं पड़ी।’

वे दोनों कॉल सेंटर में काम करते थे। वे दिल्ली आने से पहले मुंबई के पास अपने गृहनगर महाराष्ट्र के वसई में एक साथ रहते थे।

आफताब पूनावाला को इसी महीने की शुरुआत में तब गिरफ्तार किया गया था, जब श्रद्धा के पिता ने पुलिस में बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। उसके माता-पिता ने पिछले साल से उससे बात नहीं की थी, क्योंकि वे उसके मुस्लिम से संबंध रखने के कारण दुखी थे। श्रद्धा के दोस्तों ने उन्हें बताया था कि दो महीने से अधिक समय से उससे संपर्क नहीं हो रहा है। इसके बाद उन्होंने ‘लापता’ रिपोर्ट दर्ज कराई और बाद में अपहरण का मामला दर्ज किया गया। महाराष्ट्र और दिल्ली की पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए तालमेल से काम किया।

जांचकर्ताओं ने बताया है कि घर के खर्च और बेवफाई को लेकर हुई बहसबाजी के बाद आफताब ने श्रद्धा का गला घोंट दिया। फिर शरीर को काटने के लिए चाकू का इस्तेमाल किया। शरीर के टुकड़ों को खरीदे गए नए फ्रिज में रखा। फिर 18 दिनों तक एक-दो टुकड़े करके पास के जंगल में फेंक दिया।

पुलिस ने मुकदमे से पहले सबूतों को मजबूत करने के लिए आफताब का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है। पुलिस ने कहा कि जंगल में पाए गए कुछ शरीर के अंग श्रद्धा के हैं या नहीं, यह साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट में 15 दिन लगेंगे।

मर्डर की गुत्थी को सुलझाने में लगी पुलिस का कहना है कि उसके पास अभी तक आफताब का कबूलनामा ही है, जिससे वह तकनीकी रूप से मुकर सकता है। सबूत यह है कि उसने हत्या के एक दिन बाद 19 मई को चाकू और फ्रिज खरीदा था। वैसे सूबत के तौर पर जंगल में मिली हड्डियां, किचन में मिला खून, श्रद्धा के खाते से आफताब को मिले 54,000 रुपये की बैंक डिटेल्स, फोन से कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन डेटा, फ्लैट से निकला श्रद्धा का बैग के अलावा उसके पिता और दोस्तों के बयान भी हैं।

हालांकि, शव को काटने के लिए इस्तेमाल किया गया चाकू या आरी अभी तक नहीं मिला है। अभी तक उसके शरीर के ज्यादातर हिस्से गायब हैं। हत्या के दिन आफताब और श्रद्धा द्वारा पहने गए कपड़े भी नहीं मिले हैं। श्रद्धा का मोबाइल फोन भी नहीं मिला है।

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