किरण पटेल सॉफ्टवेयर कंपनी खोलना चाहता था ,घर से बरामद हुआ स्टैम्प पेपर

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किरण पटेल सॉफ्टवेयर कंपनी खोलना चाहता था ,घर से बरामद हुआ स्टैम्प पेपर

| Updated: April 12, 2023 17:33

महाठग किरण पटेल सॉफ्टवेयर कंपनी खोलना चाहता था ,जिसके लिए उसने तैयारी भी की थी , किसी शातिर ठग की तरह किरण भी बैंकिंग लेनदेन का शौक़ीन नहीं था , कई बैंक में खाते होने के बावजूद ट्रांजेक्शन के नाम पर कुछ खास नहीं था। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम दो बार उसके घर की जांच कर चुकी है। अभी तक की जाँच में जो सामने आया है उससे क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी हैरान है।

खुद को पीएमओ का वरिष्ठ अधिकारी बताने के आरोप में पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किए गए किरण पटेल को गुजरात पुलिस अहमदाबाद लाकर उसके गुनाहो का पर्दाफाश करने में जुट गयी है। फिलहाल किरण पटेल अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के रिमांड पर है। आरोपी किरण पटेल को साथ रखकर क्राइम ब्रांच ने उसके A / 17 प्रेस्टीज बंग्लोज घोड़ासर में उसके घर की दुबारा तलाशी ली ,जंहा से पुलिस ने 23 वर्ष पुराना स्टैम्प पेपर बरामद किया जो उसने आत्मा हाउस में साई बर – 7 टेक्नोलॉजी और वी -डिफाइन एसोसिएट्स नाम से सॉफ्टवेयर कंपनी रजिस्टर कराने के लिए खरीदा था। लेकिन किसी कारण से कंपनी खोलने की बजाय स्टैम्प पेपर को बचा कर रखा था।

पुलिस जाँच के दौरान महाठग किरण पटेल के पांच बैंक कहते भी बरामद हुए। किरण ने बैंक आफ इंडिया ,एक्सिस बैंक , एचडीएफसी बैंक ,यूनियन बैंक और इलाहबाद बैंक में कहते खुला रखे थे।

अडानी समूह में बडा काम चल रहा है ,उसके पैसे आने वाले है तो बांग्ला मै ही खरीदूंगा कि डींग हाक कर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री जवाहर चावड़ा के भाई का बांग्ला कब्ज़ा करने की कोशिश करने वाले इस ठग दंपती यानि किरण पटेल और उसकी पत्नी मालिनी पटेल ने चार साल आयकर रिटर्न ही नहीं भरा था।

महाठग किरण पटेल की नगदी लेंन देंन में भरोसा करता था , उसके अकाउंट में बैलेंस ना होने पर भी वह बड़ी राशि के चेक काटता था ,बाद में एकाउंट से राशि के अभाव में चेक रिटर्न होने पर वह नगद राशि देता था।

सालो पुराने बैंक एकाउंट में खाली 2 बड़े ट्रांजेक्शन हुए हैं , जिसमे एक तीन लाख का और एक चार लाख का ट्रांजेक्शन का सामने आया है ,इसके अलावा 1650 , 15000 ,2000 ,3500 जैसे मामूली ट्रांजेक्शन हुए है। कई बार तो उसके खाते में न्यूनतम राशि भी नहीं होती है।

महाठग किरण पटेल की डिग्री भी शंका के घेरे मे है । पुलिस ने अपनी जांच मे इसे भी शामिल किया है । आरोपी किरण पटेल बीई ,आईआईएम से एमबीए और विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री का दावा कर लोगों को अपने जाल मे फसाया था । पुलिस को उसकी डिग्री पर जम्मू कश्मीर मे उसकी गिरफ़्तारी के बाद से ही शंका थी।उसके घर से तलाशी के दौरान भी उसकी डिग्री पुलिस को नहीं मिली ,जिसके बाद से पुलिस की शंका और प्रबल हो गयी है। सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच अब संबंधित शैक्षणिक संस्थानों से संपर्क कर हकीकत पता लगाने की कोशिश कर रही है।

मामला हाई प्रोफ़ाइल होने के कारण शीर्ष अधिकारियों ने अपराध शाखा के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि किरण और मालिनी के बारे में एक भी डिटेल बाहर नहीं जाना चाहिए। पीएमओ के नाम पर ठगी के बावजूद इसकी डिटेल छिपाने के अथक प्रयास से कई तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं.

किरण पटेल को ट्रांजिट रिमांड में जम्मू कश्मीर से लाने के पहले उसकी पत्नी और मामले की सहआरोपी मालिनी पटेल को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर पांच दिन का रिमांड लिया था ,उस दौरान भी किरण पटेल के घर की तलाशी ली गयी थी ,लेकिन तब पुलिस को स्टैम्प पेपर बरामद नहीं हुए थे।

सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी से शुरुआत कर किरण पटेल ने अपने ठगी के जाल को जम्मू कश्मीर तक पंहुचा दिया था। वह भी पीएमओ में अधिकारी होने का दावा कर। गुजरात में पहले से ही किरण पटेल के खिलाफ चार मामले दर्ज है। पूर्व मंत्री जवाहर चावड़ा के भाई का बांग्ला हड़पने के आरोप में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में महाठग किरण पटेल तथा उसकी पत्नी मालिनी किरण पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 , 420 , 120 बी , 170 के तहत दर्ज मामले में श्रीनगर सेन्ट्रल जेल से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर अहमदाबाद आयी थी , आरोपी को अहमदाबाद मेट्रोपॉलीटियन कोर्ट में पेश कर 15 अप्रैल शाम 7 बजे तक का रिमांड हांसिल किया है।

क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि आरोपी का मेडिकल कराने के बाद रात 3 . 15 बजे आरोपी किरण भाई उर्फ़ बंसी पुत्र जगदीश पटेल उम्र 45 वर्ष निवासी A / 17 प्रेस्टीज बंग्लोज घोड़सर अहमदाबाद को गिरफ्तार किया। इसी मामले में आरोपी की पत्नी मालिनी पटेल को पुलिस ने 28 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था।

रिमांड के पीछे पुलिस का तर्क था कि आरोपी ने और किस किस के साथ ठगी की है , यह जानना जरुरी है। सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि आरोपी ने झूठी पहचान कैसे बना ली? आरोपी डॉक्टरेट की डिग्री का दावा कर रहा है ,जो संदिग्ध है। आरोपी ने जहां भी आरोपी ने बैठक की, वहां का पंचनामा जरूरी है। बैंक में बैलेंस नहीं होने के बावजूद आरोपियों ने 50 लाख के चार चेक जारी कर दिए। आरोपी के अन्य पीड़ित हो सकते हैं। उसके साथ और कौन शामिल है ? ? इसकी जांच करने की जरूरत है। आरोपियों के खिलाफ नरोडा और जम्मू-कश्मीर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। मामले की तह तक जाने के लिए आरोपी का रिमांड जरूरी है।

एड एजेंसी में नौकरी करते बना ठग

क्राइम ब्रांच के मुताबिक आरोपी किरण भाई उर्फ़ बंसी पुत्र जगदीश पटेल 2001 में संजय टावर ,प्रह्लाद नगर , अहमदाबाद स्थित ब्रांड एन्ड एसोसियेट नामक सॉफ्टवेयर कंपनी में प्रोग्रामर के तौर पर नौकरी करता था ,जहा राजनीतिक दलों के विज्ञापन और वेबसाइट बनती थी। इसी बहाने वह राजनीतिक दलों के संपर्क में आया। विज्ञापन और ख़बरों के माध्यम से सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी हांसिल कर उपस्थित लेखकों , कलाकारों ,तथा आमंत्रित मेहमानों को खुद की राजनीतिक दल के पदाधिकारी के तौर पर पहचान देता था।

2019 में दिल्ली में ” चलो इंडिया ” के लांचिंग कार्यक्रम को मैनेज किया था।2022 में अहमदाबाद के होटल हयात में G – 20 के इवेंट का आयोजन किया।

किरण पटेल के खिलाफ जम्मू कश्मीर के अलावा गुजरात में चार मामले दर्ज है।

महाठग किरण पटेल ने पीएमओ में एक शीर्ष अधिकारी होने का नाटक करके एक से अधिक लोगों को धोखा दिया है। जिसमें एक नाम पूर्व मंत्री जवाहर चावड़ा के भाई का भी है. जगदीश भाई पत्थलजी चावड़ा (63), जो मूल रूप से जूनागढ़ में रहते थे और अब शीलज होटल ताज के पास नीलकंठ ग्रीन बंगले में रहते हैं, एक बड़े बंगले में रहने में असमर्थ थे क्योंकि उनकी पत्नी बूढ़ी हो रही थी। इसलिए उन्होंने ताज होटल के पास स्थित अपने 11 नीलकंठ ग्रीन बंगले को बेचने कर एक छोटे से घर में रहने का फैसला किया। उन्होंने कई लोगों से घर बेचने की बात कही। फरवरी 2022 में किरण पटेल ने जगदीशभाई की पत्नी इला बेन को फोन किया और बंगला बेचने की बात कही। बाद में वे जगदीशभाई के घर पहुंचे और खुद प्रॉपर्टी ब्रोकर बन गए। इस बीच किरण पटेल ने बंगला देखा और जगदीशभाई से यह कहते हुए बंगले का जीर्णोद्धार करने के लिए कहा कि यदि बंगले का जीर्णोद्धार किया जाता है तो उन्हें अच्छे पैसे मिलेंगे।

उसके बाद किरण पटेल टी पोस्ट नामक स्थान पर मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि वह टी पोस्ट नाम के एक कैफे में पार्टनर हैं। उनका बड़ा राजनीतिक रसूख है और वह प्रधान मंत्री कार्यालय में प्रथम श्रेणी के अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उनके पास बंगला बनाने और बिल्डिंग रिनोवेशन करने का अच्छा अनुभव और जुनून है। रिनोवेशन के बाद बेचने की बात कही। किरण ने बड़ी-बड़ी बातें की और 30 से 35 लाख रुपए की मरम्मत की बात कहकर सौदा तय किया।

दो-तीन दिन बाद किरण पटेल अपनी पत्नी मालिनी और इंटीरियर डिजाइनर जुबिन पटेल के साथ बंगले पर पहुंचे . बाद में आठ से दस लोगों को बुलाया गया और मरम्मत का काम शुरू किया गया। नवीनीकरण का काम शुरू होने पर जगदीशभाई और उनके परिवार को शेला में उनके दोस्त के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया। जगदीशभाई ने घर की मरम्मत के लिए किरण को 35 लाख रुपये टुकड़े-टुकड़े दिए। जब जगदीशभाई जूनागढ़ गए तो किरण पटेल ने घर का जीर्णोद्धार कराया और अपने नाम का बोर्ड लगा कर वास्तु, हवन और पूजा पाठ करवाया.

अगले दिन जब जगदीशभाई किरण पटेल से मिलने आए तो किरण ने कहा कि मुझे आपका बंगला खरीदना है। इसलिए जब जगदीशभाई ने पैसों की मांग की तो किरण ने कहा कि अडानी ग्रुप में वह बहुत काम कर रहा है। पेमेंट आने पर मैं बंगला खरीद लूंगा। जब जगदीशभाई को किरण पटेल की बातों पर शक हुआ तो उन्होंने कहा कि पहले रेनोवेशन करा दो और किरण पटेल को बंगले से बाहर कर दिया । बाद में अगस्त 2022 में अहमदाबाद ग्रामीण जिला अदालत से एक नोटिस आया जिससे पता चला कि किरण पटेल ने बंगले के लिए अदालत में मुकदमा दायर किया था।

धनकड़ ने अधिकारियों को कागज रहित व्यवस्था के लिए तैयार रहने को कहा

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