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गांधीनगर में अक्षरधाम से 100 मीटर की दूरी पर दिखा तेंदुआ

| Updated: January 5, 2023 11:16 am

अहमदाबाद: गांधीनगर में अक्षरधाम से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक तेंदुए को देखा गया। इससे  इलाके में दहशत फैल गई। पांच दिनों में राज्य की राजधानी में तेंदुए को दूसरी बार देखा गया है। पिछले शुक्रवार की रात सचिवालय के एक पुलिस कांस्टेबल ने बीहड़ों के करीब संस्कृति कुंज के पास एक तेंदुए को देखने की सूचना दी थी। उसे सरिता उद्यान की ओर जाते देखा गया था। यह स्पष्ट नहीं है कि यह वही तेंदुआ है, जिसे बुधवार सुबह दो सफाई कर्मचारियों ने देखा।

हालांकि, क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन कर रहे वन विभाग को उसके पैरों के निशान या कोई और सबूत अभी तक नहीं मिला है। जिस स्थान पर बुधवार को तेंदुआ देखा गया था, वह राजभवन और मंत्रियों के एन्क्लेव से लगभग 400 मीटर और माउंट कार्मेल स्कूल से लगभग 700 मीटर की दूरी पर है।

सफाई सुपरवाइजर नरेश ठाकोर ने कहा, “जब कैलाश वाघेला और हीरा वाघेला सेक्टर 20 में अक्षरधाम के पास सफाई कर रहे थे, तभी उन्होंने एक बंद घर के बाहर झाड़ियों में तेंदुआ देखा। घबराकर वे मौके से भाग गए और बाद में मुझे इसकी जानकारी दी। तेंदुए को देखकर मोहल्ले के एक निवासी ने भी जानवर को देखने का दावा किया है।’ कैलाश वाघेला ने कहा, “जब हमने इसे एक बंद घर के बाहर झाड़ियों में देखा, तो दंग रह गए। हमने अपना काम छोड़ दिया और जान बचाने के लिए भाग पड़े।”

वन विभाग ने सेक्टर 20 के सीसीटीवी फुटेज को  खंगालाः

कैलाश वाघेला ने कहा कि वह कोई शावक नहीं था, बल्कि बड़ा तेंदुआ था। बड़ी बिल्लियों के विशेषज्ञ एचएस सिंह ने कहा, “तेंदुओं की बढ़ती आबादी और तेजी से शहरीकरण के कारण हम शिकार की तलाश में बिल्लियों को शहरों के करीब आते देखते हैं। लगभग सभी बड़े शहरों में तेंदुए देखे गए हैं। ये जानवर धरोई बांध के पास के वन क्षेत्र से राजधानी में प्रवेश कर रहे होंगे।” रिटायर हो चुके वन अधिकारी ने कहा, “गांधीनगर में प्रवेश करने वाले तेंदुए मुख्य रूप से बनासकांठा और साबरकांठा जिलों के जंगलों से आ रहे हैं। वे नदी के किनारे शिकार की तलाश करते हैं और शहरी क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं।”

गांधीनगर के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर चंद्रेश शनाद्रे ने कहा, ‘विभाग पूरी तरह सतर्क है। पूरे सेक्टर 20 को स्कैन किया गया है। अक्षरधाम मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की गई है। हालांकि, हमें अभी तक क्षेत्र में तेंदुआ के होने के पुख्ता सबूत के तौर पर उसके पैरों के निशान, मल या उसके द्वारा शिकार करने के निशान नहीं मिले हैं।” “गार्डों ने भी कोई तेंदुआ नहीं देखा है। तलाश जारी है। हमने क्षेत्र में पिंजरा भी लगा दिया है। ”

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