मोरबी हादसा: गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी जयसुख पटेल फरार, ओरेवा के काम बेरोकटोक जारी

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

मोरबी हादसा: गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी जयसुख पटेल फरार, ओरेवा के काम बेरोकटोक जारी

| Updated: January 24, 2023 16:58

गुजरात के मोरबी में पुल गिरने के लगभग तीन महीने बाद राज्य पुलिस ने रविवार को ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर और अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पटेल उस घटना के बाद से लापता हैं। मामले में जल्द ही दाखिल होने वाली चार्जशीट में उन्हें आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट 28 जनवरी को समाप्त होने वाली 90 दिनों की समयसीमा से पहले दायर की जाएगी। बता दें कि उस घटना में 141 लोगों की मौत हो गई थी।

अजंता ब्रांड से घड़ियां बनाने के लिए मशहूर कंपनी ओरेवा ग्रुप को माच्छू नदी पर 100 साल पुराने सस्पेंशन ब्रिज की मरम्मत, संचालन और रखरखाव के लिए ठेका दिया गया था। पिछले साल दोबारा खुलने के चार दिन बाद ही 30 अक्टूबर को यह ढह गया।

ओरेवा समूह के एक अधिकारी ने कहा “हमने लगभग तीन महीने से शेठ (पटेल) को नहीं देखा है। यहां रूटीन का कामकाज देखने वाले दो मैनेजर  पिछले दो महीने से अधिक समय से जेल में हैं। इसलिए कारखाने इन दिनों सुपरवाइजरी में ही चल रहे हैं।”

एएमपीएल मोरबी में घड़ी, अलार्म घड़ी, टेलीफोन, कैलकुलेटर आदि बनाती है। जबकि पड़ोसी कच्छ जिले के समखियाली गांव में ई-बाइक और बिजली के बल्ब बनाती है।

गुजरात हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों से पहले  भाजपा सरकार पर राजनीतिक रूप से प्रभावशाली उद्योगपति को बचाने का आरोप भी लगा था। इस घटना पर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट से पता चला है कि जंग लगी केबल, टूटे एंकर पिन और ढीले बोल्ट उन खामियों में से थे, जिन्हें पुल की मरम्मत के समय ठीक नहीं किया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ओरेवा ग्रुप ने पुल को जनता के लिए खोलने से पहले वजन उठाने की उसकी क्षमता का आकलन करने के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त नहीं किया।

इस मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित  रखरखाव और संचालन में ओरेवा समूह की ओर से कई खामियों का हवाला दिया। इनमें एक बिंदु तक  पुल तक पहुंचने वाले लोगों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। टिकटों की बिक्री पर भी कोई प्रतिबंध नहीं था, जिससे पुल पर भारी भीड़ जुट गई।

मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें सहायक ठेकेदार, टिकट क्लर्क के रूप में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर और सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। पटेल ने मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए 16 जनवरी को सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जमानत अर्जी पर सुनवाई एक फरवरी तक के लिए टाल दी गई है।

Also Read: अहमदाबाद: एसजी हाईवे पर दो सिविल अस्पतालों को मिलेंगीं एमआरआई मशीन

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d