पीएफआई साजिश मामले में एनआईए ने केरल में 56 ठिकानों पर छापेमारी की

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पीएफआई साजिश मामले में एनआईए ने केरल में 56 ठिकानों पर छापेमारी की

| Updated: December 29, 2022 11:27

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) साजिश मामले में केरल में 56 ठिकानों पर छापेमारी की।

पीएफआई कैडरों के खिलाफ विशेष सूचना के बाद केरल पुलिस के साथ छापेमारी सुबह ही शुरू हुई। पीएफआई के इन कैडरों पर कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और संजीत (केरल, नवंबर 2021), वी रामलिंगम (तमिलनाडु, 2019), नंदू (केरल, 2021), अभिमन्यु (केरल, 2018), बीबिन (केरल, 2017), शरत (कर्नाटक, 2017), आर. कुमार (तमिलनाडु, 2016) सहित कई व्यक्तियों की हत्या का आरोप है। पीएफआई से संबंध रखने वाले कई संदिग्धों के परिसरों और कार्यालयों में अभी भी तलाशी चल रही है।

इससे पहले सितंबर में गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act), 1967 के तहत पीएफआई और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी संगठन घोषित करके पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि पीएफआई कैडरों द्वारा सिर्फ “सार्वजनिक शांति को भंग करने और जनता को डराने” के मकसद से ही आपराधिक गतिविधियों और नृशंस हत्याओं को अंजाम दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने “अन्य देशों के आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई  के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों” का भी उल्लेख किया है। बताया है कि संगठन के कुछ कार्यकर्ता इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) में शामिल हो गए हैं। उन्होंने सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों में भाग भी लिया है।

आईएसआईएस से जुड़े इन पीएफआई कैडर में से कुछ मुठभेड़ों में मारे गए हैं और कुछ को राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है। पीएफआई का बांग्लादेश के आतंकी संगठन  जमात-उल-मुयाहिदीन बांग्लादेश(JMB) के साथ भी संबंध है। एनआईए ने इस साल अब तक पीएफआई कैडरों के खिलाफ देश भर में 150 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है।

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