नई दिल्लीः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली की एक अदालत की तरफ से अनुमित मिलने के बाद ईडी ने पूछताछ के लिए उन्हें गिरफ्तार किया है। अदालत ने ईडी को रामकृष्ण से चार दिन की हिरासत में पूछताछ की अनुमति दी है।
अदालत ने कहा, “ईडी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए आगे बढ़ने और गहरी साजिश, अन्य आरोपी व्यक्तियों की संलिप्तता और उनके पूरे मॉड्यूल के संचालन का पता लगाने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ करने के पर्याप्त आधार हैं। इसीलिए आरोपी को 18 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेजा जाता है।”
इससे पहले ईडी की ओर से दायर याचिका पर आरोपी के खिलाफ जज द्वारा जारी पेशी वारंट पर एनएसई के पूर्व एमडी को तिहाड़ सेंट्रल जेल से कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी को पेश किए जाने के बाद ईडी ने पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ली थी। बाद में ईडी ने रामकृष्ण को असहयोग के आधार पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया और उसे फिर से अदालत में पेश किया। अबकी उससे नौ दिन की हिरासत में पूछताछ का आग्रह किया। हालांकि इसके लिए चार दिन की हिरासत की अनुमति दी। बता दें कि चित्रा को सीबीआई ने एक अलग मामले में भी गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
मौजूदा मामले में उसकी हिरासत की मांग करते हुए ईडी के वकील एनके मट्टा ने अदालत को बताया कि चित्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी थी, क्योंकि वह “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थीं। उनके खिलाफ दर्ज मामलों में अपराध को छुपाना, कब्जा करना, अधिग्रहण या उपयोग करना और इसे बेदाग संपत्ति के रूप में पेश करना या दावा करना शामिल है।”
मट्टा ने बताया कि चित्रा की हिरासत में पूछताछ से उनकी भूमिका के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों की भूमिकाओं का भी पता लगाया जा सकता है, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध को सुगम बनाया और अपराध से हुए आय को गलत तरीके से दिखा कर वैध भुगतान के रूप में पेश किया।
बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और एनएसई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ भी मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज कराया है। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है उनमें चित्रा के अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय और एक समय में एनएसई के टॉप लेवल के अधिकारी रहे रवि नारायण के नाम हैं। यह केस एनएसई के अफसरों की ओर से गलत तरीके से फोन टैपिंग कराने और स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़ा है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन सभी के खिलाफ पीएमएलए एक्ट के आपराधिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया है। आपको बता दें कि सीबीआई ने भी आरोपियों के खिलाफ पिछले हफ्ते इससे जुड़े एक मामले में केस दर्ज किया था।
इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि नारायण और चित्रा ने मुंबई सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त संजय पांडे की एक कंपनी को शेयर बाजार के कर्मचारियों के फोन कॉल को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के काम में लगाया था।
पहले सीबीआई और अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी संजय पांडेय, उनकी दिल्ली स्थित कंपनी, एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और एनएसई के प्रेमाइसेज हेड महेश हल्दीपुर को अपने-अपने केस में आरोपित बनाया है।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी को गुप्त निगरानी में कथित अनियमितताओं का पता चला जिसके बाद उसने गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दी उसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।