रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. रघुराम राजन ने भारत में बढ़ते सांप्रदायिक विद्वेष को लेकर चेतावनी दी है। कहा है कि भारत के लिए ‘अल्पसंख्यक विरोधी’ छवि घरेलू कंपनियों को नुकसान पहुंचाएगी।
डॉ. राजन ने कहा कि सरकार की धारणा ऐसी बन रही है कि वह दो में से एक समुदाय का पक्ष ले रही है। ऐले में भारतीय कंपनियां व्यवसाय खो रही हैं। इतना ही नहीं, विदेशी सरकारें देश को एक अविश्वसनीय भागीदार के रूप में देखने लगी हैं।
विदेशों में भारत के सबसे प्रसिद्ध बौद्धिक चेहरों में से एक की ऐसी टिप्पणियां भारत भर में सांप्रदायिक हिंसा के नियमित विस्फोट के मद्देनजर हैं, जहां सत्तारूढ़ दल भाजपा है। अल्पसंख्यकों को अलग-थलग किए जाने की स्पष्ट रूप से निंदा करने में शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी बहरा कर देने वाली है।