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अहमदाबाद: चौथी औद्योगिक क्रांति में विज्ञान की होगी महत्वपूर्ण भूमिका: पीएम

| Updated: September 11, 2022 3:48 pm

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी में भारत के विकास में विज्ञान की अहम भूमिका है। यह चौथी औद्योगिक क्रांति में अहम भूमिका निभाएगा। वह शनिवार को अहमदाबाद के गुजरात साइंस सिटी में आयोजित दो दिवसीय केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। पीएम ने भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने पर जोर दिया। कहा कि सीवी रमन, जेसी बोस, एसएन बोस, मेघनाद साहा और एस चंद्रशेखर जैसे कई भारतीय वैज्ञानिक पिछली शताब्दी में नवाचारों के साथ आए। पीएम मोदी ने सभी राज्यों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों से अपने राज्यों में राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक संस्थानों और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की क्षमताओं और विशेषज्ञता का पूरा लाभ उठाने को कहा।

वह अहमदाबाद के साइंस सिटी में आयोजित दो दिवसीय केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बोल रहे थे। पीएम ने राज्य के मंत्रियों से अपने विज्ञान पाठ्यक्रम के अच्छे अभ्यास और पहलुओं को साझा करने के लिए कहा, “हमें अपने विज्ञान से संबंधित संस्थानों को वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञता के इष्टतम उपयोग के लिए साइलो की स्थिति से बाहर निकालना होगा।” दो दिवसीय कॉन्क्लेव में एसटीआई विजन 2047 सहित विभिन्न विषयगत क्षेत्रों पर सत्र शामिल होंगे; राज्यों में एसटीआई के लिए भविष्य के विकास के रास्ते और विजन; स्वास्थ्य – सभी के लिए डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल; 2030 तक अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को दोगुना करना; कृषि – किसानों की आय में सुधार के लिए तकनीकी हस्तक्षेप; जल – पीने योग्य पेयजल के उत्पादन के लिए नवाचार; ऊर्जा- हाइड्रोजन मिशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका सहित सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा; डीप ओशन मिशन और तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ देश की भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए इसकी प्रासंगिकता।  उद्घाटन सत्र में केंद्रीय राज्य मंत्री (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) जितेंद्र सिंह और सीएम भूपेंद्र पटेल के साथ-साथ वैज्ञानिकों, उद्योग प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों की भागीदारी भी देखी गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धि का जश्न मनाते हैं, तो विज्ञान हमारे समाज और संस्कृति का हिस्सा बन जाता है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश तेजी से बढ़ा। 2015 में भारत 81वें स्थान पर था। सरकार के प्रयासों से आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है। हमें राज्यों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना में तेजी लाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जमीनी स्तर पर लाभ पहुंचे, हमें साइलो को तोड़ने और अनुसंधान एवं विकास संगठनों के भीतर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी काम करने की आवश्यकता है।

मोदी ने कहा, “जब ज्ञान और विज्ञान से हमारा मेल होता है तब संसार की सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता अपने आप खुल जाता है।” उन्होंने कहा कि समाधान और नवाचार का आधार विज्ञान ही है। इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है। पीएम ने अंतरिक्ष मिशन, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन, हाइड्रोजन और ड्रोन मिशन सहित विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्रगति के कुछ उदाहरण दिए और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का उद्देश्य इस क्षेत्र को बढ़ावा देना भी है। सीएम पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि साइंस सिटी में सालाना लगभग 12 लाख आगंतुक आते हैं।

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