टी के इंद्राणी द्वारा नर्सों के लिए लिखी गई एक समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है क्योंकि इसमें दहेज के गुणों को अपने एक अध्याय में सूचीबद्ध किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि दहेज क्यों फायदेमंद है
पाठ्यपुस्तक में इस बात की शुरुआत यह समझाने से होती है कि दहेज कैसे एक नया घर बनाने में मदद करता है और यह कैसे एक घर में उपकरण, फर्नीचर, बर्तन और कपड़े स्थापित करने में मददगार है और कैसे दहेज किसी लड़की के लिए परिवार की संपत्ति में हिस्सा पाने के लिए एक अप्रत्यक्ष तरीका है, पाठ्यपुस्तक में एक पहलू इस बारे में बात करता है कि दहेज लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के प्रति कैसे बढ़ावा देता है क्योंकि उच्च शिक्षित लड़की का दहेज अपेक्षाकृत कम होता है।
आखिरी और सबसे अजीब बात की कैसे किसी लड़की की शादी (जो समाज के तथाकथित सुंदरता के मापदंड के अनुरूप न हो) ज्यादा दहेज देकर आसानी से की जा सकती है
इस पाठ्यपुस्तक के इन अंशों को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है और इन उल्लेखित अंशों की कड़ी आलोचना की जा रही है
डीसीडब्ल्यू चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने मंगलवार, 5 अप्रैल को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर दहेज प्रथा का महिमामंडन करने के लिए लेखक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की एवं मालीवाल ने नर्सिंग छात्रों के लिए इस पाठ्यपुस्तक को मंजूरी देने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की है
सोशल मीडिया पर आलोचना के पश्चात, इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) ने एक बयान जारी कर पाठ्यपुस्तक की निंदा की है एवं कहा की “इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) पाठ्यपुस्तक में उल्लेखित अंशों की कड़ी निंदा करती है जो देश के प्रचलित कानून के खिलाफ है,”