कौन हैं शंकर चौधरी ,जिनके हाथ में होगी गुजरात विधानसभा - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

कौन हैं शंकर चौधरी ,जिनके हाथ में होगी गुजरात विधानसभा

| Updated: December 19, 2022 19:47

गुजरात विधानसभा अध्यक्ष Gujarat Assembly Speakerके चुनाव के लिए थराद विधायक शंकर चौधरी Tharad MLA Shankar Chowdhary ने आज मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में नामांकन पत्र भरा. उनके साथ जेठाभाई भरवाड़ ने उपाध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा।

इसके पहले प्रोटेम स्पीकर योगेश पटेल ने सभी विधायकों को शपथ दिलाई । विधायक के तौर पर शपथ लेने के बाद शंकर चौधरी कमलम पहुंचे और बीजेपी सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया.

परंपरा के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष किसी दल का नहीं होता। गुजरात विधानसभा का एक दिवसीय सत्र मंगलवार को आयोजित किया जायेगा। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी।

विपक्ष अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है ,इसलिए सर्वसम्मति से चौधरी विधानसभा अध्यक्ष बन जायेंगे।

8 दिसम्बर को घोषित गुजरात विधानसभा के परिणाम में 156 सीटों पर ‘अभूतपूर्व’ जीत के बाद भूपेंद्र पटेल फिर से गुजरात के मुख्यमंत्री बने।

लेकिन जब भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल के सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ, तो थराद विधायक और भाजपा के दिग्गज नेता शंकर चौधरी को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया, जिससे राजनीतिक विश्लेषक हैरान रह गए। लेकिन वाइब्स आफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से पहले ही साफ़ कर दिया था कि ” शंकर चौधरी विधानसभा अध्यक्ष बनेगे।

15 वी गुजरात विधानसभा चुनाव में थराद सीट से शंकर चौधरी ने कांग्रेस के गुलाब सिंह राजपूत को 26,506 मतों से हराया।शंकर चौधरी उत्तर गुजरात में बीजेपी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं साथ ही सहकारी क्षेत्र में भी उत्तर गुजरात में प्रभावशाली भूमिका है। शंकर चौधरी उत्तर गुजरात में बीजेपी का बड़ा ओबीसी चेहरा है , सहकारी क्षेत्र में भी उत्तर गुजरात में प्रभावशाली भूमिका है।

.
कैसे चर्चा में आये शंकर चौधरी

3 दिसंबर 1970 को जन्मे शंकर चौधरी पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 1997 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के खिलाफ राधनपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा।उस समय शंकरसिंह वाघेला 1996 के अंत में कांग्रेस के समर्थन से 11वें मुख्यमंत्री सुरेश मेहता का तख्तापलट करके मुख्यमंत्री बने। शंकर सिंह ने राष्ट्रीय जनता पार्टी बनाई।

मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें उपचुनाव में विधायक के रूप में चुना जाना जरुरी था। मौजूदा विधायक लविंगजी ठाकोर ने शंकर सिंह के लिए राधनपुर सीट खाली कर दी थी ,जिससे शंकर सिंह वाघेला के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ़ हो गया

पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला

बीजेपी ने शंकर सिंह के खिलाफ रणनीति के तहत शंकर नाम के 11 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. और बीजेपी ने 27 वर्षीय युवा शंकर चौधरी को मैदान में उतारा.वह उपचुनाव बीजेपी और शंकर सिंह के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया था. वाघेला ने यह चुनाव महज 13540 मतों से जीत सके।

लेकिन दूसरे शंकर ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1998 में वह विधानसभा में पहुंच गए। जो 2017 तक कायम रहा। 7 अगस्त 2016 से 26 दिसंबर तक आनंदीबेन पटेल की सरकार में चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री और पर्यावरण एवं शहरी विकास मंत्रालय भी संभाल चुके हैं.

लेकिन 2017 में वह वाव से कांग्रेस की गेनीबेन ठाकोर से चुनाव हार गए। जिसके कारण इस लम्बे कद के चौधरी की सीट बदल दी गयी।

बीजेपी ने वाव की जगह थराद से शंकर चौधरी को टिकट दिया था. और वह चुने गए। हालांकि, वे सहकारिता के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। उन्हें बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध संघ का अध्यक्ष चुना गया।

गृह मंत्री अमित शाह

जब हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के लिए प्रचार चल रहा था, तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक भाषण में कहा, “यदि आप शंकर चौधरी को भारी मतों से जीताते हैं, तो मैं उन्हें एक बड़ा पद दूंगा।”

विधानसभा में अश्लील चित्र देखने का लग चुका है आरोप

2012 में, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब शंकर चौधरी और जेठा भरवाड़ पर विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपने आईपैड पर ‘अप्रिय तस्वीरें’ देखने का आरोप लगाया गया था।यह मामला तत्कालीन अध्यक्ष गणपत वसावा द्वारा विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था।


उनके आईपैड की फॉरेंसिक जांच का भी आदेश दिया गया था।हालांकि, फॉरेंसिक लैब ने 180 तस्वीरों और 11 वीडियो की जांच की और दोनों विधायकों को रिपोर्ट देने के बाद क्लीन चिट दे दी कि उनमें से कोई भी अश्लील नहीं था।

बेटियों के साथ शंकर चौधरी

पहले एमबीए फिर किया 12 वी

कांग्रेस ने शंकर चौधरी पर चुनाव लड़ने के दौरान पेश किए गए हलफनामे में ‘फर्जी’ MBA की डिग्री पेश करने का भी आरोप लगाया.शंकर चौधरी ने दावा किया कि उसने 1987 में 10वीं और 2011 में 12वीं की परीक्षा पास की थी।2009 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा और 2011 में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए भी पूरा किया।


अब कांग्रेस का सवाल था कि अगर शंकर चौधरी ने 2011 में बारहवीं पास की तो उसी साल एमबीए कैसे कर लिया.मामला गुजरात हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा।हालांकि, दोनों कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।


एक अन्य याचिका में गुजरात उच्च न्यायालय ने पाटन पुलिस को जांच करने का आदेश दिया और पाटन पुलिस ने शंकर चौधरी को क्लीन चिट दे दी। शंकर चौधरी ने दावा किया कि उन्होंने 10वीं पास करने के बाद डिप्लोमा किया और डिप्लोमा पास करने के बाद एमबीए की डिग्री हासिल की.

गुजरात विधानसभा- 11 विधायकों ने संस्कृत में  ,2 ने हिंदी में ली शपथ

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d