गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले रंग ले रही है "पटेल" सियासत

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गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले रंग ले रही है “पटेल” सियासत

| Updated: March 8, 2022 20:23

गुजरात की राजनीति को " पटेल " फैक्टर की धुरी पर घुमाने की कोशिश 2007 ,2012 के विधानसभा चुनाव में भी हुयी थी , 2022 के चुनाव के पहले एक बार फिर "पटेल फैक्टर" को सक्रीय करने की कोशिश हो रही है।

  • गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले रंग ले रही है “पटेल” सियासत , हार्दिक ने नरेश पटेल से कांग्रेस में आने का किया आह्वान

2017 का गुजरात विधानसभा चुनाव सामाजिक आंदोलन और उसके परिणाम दुष्परिणाम के बीच केंद्रित था , जिसका चुनाव परिणाम पर असर भी दिखा लेकिन सत्ता में बदलाव नहीं हुआ। गुजरात की राजनीति को ” पटेल ” फैक्टर की धुरी पर घुमाने की कोशिश 2007 ,2012 के विधानसभा चुनाव में भी हुयी थी , 2022 के चुनाव के पहले एक बार फिर “पटेल फैक्टर” को सक्रीय करने की कोशिश हो रही है। इस बार पटेल युवा तुर्क और कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने खोडलधाम के प्रमुख नरेश पटेल को पत्र लिखकर पटेल युवा , किसान और व्यापारियों के भविष्य के लिए राजनीति में आने का आह्वान किया है। गुजरात में पटेल मतदाताओं की अहमियत इसी से लगायी जा सकती है कि राज्य में आबादी में 15 प्रतिशत होने के बावजूद सदन में 32 प्रतिशत तथा गुजरात की कैबिनेट में यह संख्या 26 प्रतिशत है , लोकसभा सांसद , राज्यसभा सांसद तथा नरेंद्र मोदी मंत्रीमंडल में भी पटेलों का दबदबा कायम है। मनसुख मंडविया , पुरसोत्तम रुपाला जैसे वजनदार पटेल मंत्री दिल्ली में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। आर्थिक तौर पर भी पटेल उद्योगपति सबसे आगे है।

कौन है नरेश पटेल

नरेश पटेल भाजपा गुजरात प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल के साथ बात करते हुए

नरेश पटेल खोडलधाम के प्रमुख है , यह लेउआ पटेलों का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र हैं। उद्योगपति नरेश पटेल भले ही राजनीति में सीधे तौर से सक्रीय ना हो लेकिन सामाजिक साख के बल पर वह पिछले दो दशक से वह गुजरात की राजनीति को निश्चित तौर से प्रभावित करते है। कांग्रेस – भाजपा के हाईकमान के सीधे संपर्क में रहते है। खोडलधाम अध्यक्ष नरेश पटेल आंदोलन के दौरान मामले को वापस लेने के लिए पाटीदार नेता और सरकार के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक हैसीयत को बया करता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में उनके तीन नजदीकी लोगों को कांग्रेस ने टिकट दिया था ,जबकि उनके पुत्र शिवराज पटेल ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने बयान दिया था कि गुजरात का मुख्यमंत्री कोई पटेल होना चाहिये , जिसके बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री बदल कर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया था। नरेश पटेल से भरत सिंह सोलंकी और भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल से भी बंद कमरे में मुलाकात हुयी है , पिछले महीने गुजरात के बाहर आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात की खबर बनी थी , ऐसे में यह पटेल नेता किस दल की तरफ जायेगा कहना मुश्किल है , लेकिन 2022 में नरेश पटेल राजनीति का एक केंद्र होंगे यह तय है , क्योकि वह खुद भी समय समय पर राजनीति में उतरने का इशारा करते हैं।

हार्दिक पटेल ने क्या कहा अपने पत्र में

हार्दिक पटेल का नरेश पटेल को लिखा खुला पत्र


कांग्रेस नेता और युवा तुर्क हार्दिक पटेल ने नरेश पटेल को लिखे पत्र में जोर देकर कहा कि 30 वर्ष से गुजरात में एक ही दल का शासन है , जिसकी तानाशाही के कारण गौरवशाली गुजरात अन्यायी प्रथा भोग रहा है , प्रशासन और पैसा के बल पर सत्ताधारी दल अनियंत्रित हो चुका है। सरकार की तानाशाही का सबसे अधिक शिकार पटेल समाज के हजारों युवा हुए हैं। पाटीदार समाज के हजारों परिवार खेती तथा व्यवसाय में कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं , आप बेहतर जानते है कि हमारे किसानो की मांग पूरी नहीं की जा रही हैं सत्ता पक्ष के नेताओ द्वारा सभी स्तरों पर व्यापारियों को किस तरह परेशान किया जा रहा है।
इस अन्यायी माहौल में मै (हार्दिक पटेल ) आपसे (नरेश पटेल ) आगे आने और सक्रीय राजनीति में शामिल होने की अपील करता हु ,2015 से मेरे जैसे युवा अन्याय के खिलाफ जंग लड़ने निकले हैं। आपका ( नरेश पटेल ) यह कदम युवाओ को नई आशा देगा। आज भी पटेल युवाओ से आंदोलन के समय के केस वापस नहीं लिए गए , वह इस पीड़ा से पीड़ित हैं। पटेल समाज को अनुभवी नेतृत्व की आवश्यकता है।

मै ( हार्दिक पटेल ) यह पत्र विशाल और मजबूत पाटीदार समाज के युवा सदस्य के तौर से नहीं बल्कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर भी लिख रहा हु। और निवेदन करता हु की आप बाह्य परिबलों को भूलकर पटेल युवाओं पर विश्वास कर राज्य के हित मे और अस्तित्व की लड़ाई का श्री गणेश करें।


क्या कहना है नरेश पटेल का

खोडलधाम के प्रमुख नरेश पटेल


हार्दिक पटेल के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए खोडलधाम के प्रमुख नरेश पटेल ने कहा की “मुझे अभी तक कोई पत्र मिला नहीं है। ऐसे निमंत्रण मुझे हर दल से मिलते हैं। मै योग्य समय योग्य निर्णय लूंगा। पटेल युवाओ पर आंदोलन के दौरान दर्ज मामले वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत चल रही है। नरेश पटेल ने अतिरिक्त में कहा कि हार्दिक के खुले पत्र को लेकर उनके साथ चर्चा करुंगा। खोडलधाम के प्लेटफॉर्म से कोई राजनीतिक निर्णय नहीं लूंगा। कोई भी राजनीतिक निर्णय मेरा व्यक्तिगत होगा। स्वतंत्र देश के लोग जो चाहे बोल सकते हैं। मै दोनों दल के नेताओ से मिलता हु ,लेकिन तब समाज की चिंता होती है।



क्या कहा पास ने

पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति अल्पेश पटेल

पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद ही बिखराव शुरू हो गया था , आंदोलन से निकले हार्दिक पटेल कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख हो गए जबकि गोपाल इटालिया आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रमुख हो गए थे , रेशमा पटेल एनसीपी में शामिल हो चुकी हैं , इसी तरह आप – भाजपा कांग्रेस – एनसीपी में ज्यादातर चेहरे शामिल हो चुके है , कुछ ने चुनाव भी लड़ लिया। अल्पेश कथिरिया ही गैर राजनीतिक बचे थे , हार्दिक द्वारा नरेश पटेल को पत्र लिखने पर अल्पेश ने कहा कि नरेश पटेल ने सामाजिक, शैक्षिक स्वास्थ्य और समाज के नीति उत्थान के लिए बहुत कुछ किया है अल्पेश पटेल ने आगे कहा कि नरेश पटेल को एक राजनीतिक दल में शामिल होना चाहिए। अल्पेश पटेल ने कहा, ‘नरेश पटेल जिस भी पार्टी में शामिल होंगे, हम उसका समर्थन करेंगे।’ इसी महीने पाटीदार आरक्षण समिति ने बैठक कर 13 तारीख से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है , इस बैठक पास के ज्यादातर पुराने लोगो किआ एक मंच पर होना यह साबित करता है कि बाहर जितना दिख रहा है अंदर उससे ज्यादा चल रहा है।

कांग्रेस विधायक ललित कगथरा नरेश पटेल के लिए सीट छोड़ने को तैयार

कांग्रेस विधायक ललित कगथरा

सौराष्ट्र से कांग्रेस विधायक ललित कगथरा ने कहा है कि नरेश भाई कांग्रेस में शामिल होते हैं तो उनके लिए सुरक्षित विधानसभा सीट वे छोड़ने को तैयार हैं। अगर नरेश पटेल कांग्रेस में शामिल होते हैं तो इससे पार्टी को एक बड़ा पाटीदार चेहरा मिल सकता है इससे पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन को लेकर हार्दिक पटेल गुजरात में 2015 में सक्रिय हुए थे तथा आज भी वे समाज को एकजुट करने में सक्रिय हैं। विधायक एवं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को पार्टी में शामिल करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर ओबीसी नेता एवं पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर की नियुक्ति तथा नेता विपक्ष पद पर आदिवासी नेता सुखराम राठवा को बिठाने के बाद कांग्रेस अगर दिग्गज पाटीदार चेहरे को अपनी पार्टी में लाने में सफल हो जाती है तो गुजरात की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन होने की संभावना है।

जगदीश ठाकोर ,सुखराम राठवा स्वागत को तैयार

गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर और नेता विरोधपक्ष सुखराम राठवा


गुजरात प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने से पहले ही नवनियुक्त अध्यक्ष जगदीश ठाकुर ने नरेश पटेल को सार्वजनिक रूप से कांग्रेस में शामिल होने का न्योता देकर गुजरात की राजनीति में सरगर्मी ला दी थी नेता विपक्ष सुखराम राठवा ने भी कहा है कि नरेश पटेल के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं। उनका कहना है कि पार्टी की नेता हमेशा उसे मजबूत करने के लिए प्रयास करते रहते हैं। नरेश पटेल पाटीदार समाज के प्रभावशाली व्यक्ति हैं तथा उनके साथ मेरी भी मित्रता है। राठवा ने कहा कि नरेश पटेल गुजरात के हर समाज के लोगों को साथ लेकर चलने में मानते हैं, नरेश पटेल अगर कांग्रेस में आना चाहते हैं तो उनके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं।

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