आंदोलनों से घिरी गुजरात सरकार (Govt of Gujarat) ने कई दौर की बैठक के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों को आंशिक तौर से मानकर उनकी हड़ताल को ख़त्म कराने की बड़ी सफलता हांसिल की है। राज्य सरकार (Govt of Gujarat) के प्रवक्ता तथा शिक्षा मंत्री जीतू वघाणी (Jitu Vaghani ) ने सरकार के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने पेंशन को लेकर आंदोलनकारियों की मांग को मानते हुए परिवार पेंशन योजना ( pension demand )को स्वीकार कर लिया है और पुरानी पेंशन योजना को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार करने की घोषणा की है। सातवें वेतन आयोग का लाभ सभी को मिलेगा। मृतक कर्मचारियों के परिवारों को मिलने वाली सहायता को 8 लाख से बढ़ाकर 14 लाख कर दिया गया है. जबकि सीपीएफ में 10 फीसदी की जगह 14 फीसदी जोड़ा जाएगा.
इसके साथ ही राज्य सरकार ने पिछले कुछ समय से गांधीनगर में हो रहे विभिन्न आंदोलनों की सरकारी कर्मचारियों की मांगों को भी स्वीकार कर लिया है. राज्य के प्रवक्ता मंत्री जीतू वघाणी (Jitu Vaghani ) ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन योजना को आंशिक रूप से लागू करेगी. हम सातवें वेतन आयोग के बकाया का भी भुगतान करेंगे। परिवार पेंशन योजना को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। यह योजना 1-4-2005 को कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारियों के लिए है, वर्ष 2005 से पहले भर्ती होने वालों को पुरानी पेंशन और वर्ष 2009 परिवार पेंशन योजना के भारत सरकार के संकल्प को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया है।
पुरानी पेंशन योजना क्या है?
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का आधा हिस्सा सेवानिवृत्ति के समय पेंशन के रूप में दिया जाता है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन से एक भी पैसा नहीं काटा जाता था। पुरानी पेंशन योजना का भुगतान कोषागार से किया गया। इस योजना में 20 लाख रुपये तक की ग्रेजुएशन राशि प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में सामान्य भविष्य निधि-जीपीएफ का प्रावधान है। इस योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को पेंशन की राशि मिलती है।
क्या थी स्वास्थ्य कर्मियों की मांग?
इस पंचायत सेवा के स्वास्थ्य कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि सरकार द्वारा तकनीकी कौशल के साथ तकनीकी श्रेणियों की मान्यता के संबंध में वर्ष 2001 की स्वास्थ्य समिति के अनुसार उन्हें तकनीकी श्रेणी में शामिल किया जाए,
साथ ही जब हमने सार्वजनिक अवकाश और रविवार को उपरोक्त चार संवर्गों के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा निभाई गई ड्यूटी को प्रस्तुत किया तब 98 दिन थे। लेकिन वर्तमान में सूची के अनुसार और कोरोना योद्धाओं के रूप में 130 दिनों का अवकाश वेतन और मासिक भत्ता दिया गया है ,जो उन्हें भी दिया जाय।
और स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के नियम के अनुसार भत्ता दिया जाय , जिसे सरकार ने मान लिया है। इसके पहले पिछले 2 दिन से राज्य के स्वास्थ्य कार्यकर्ता गांधीनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। शनिवार को सामूहिक अवकाश समेत विभिन्न चरणों में आंदोलन प्रस्तावित था , जो सरकार के निर्णय के बाद कर दिया गया है।