अहमदाबाद नगर निगम (Ahmedabad Municipal Corporation )के मुख्यालय , क्षेत्रीय कार्यालय ,शहरी स्वास्थ्य केंद्र सहित विभिन्न कार्यालयों में अनाफ़ -शनाफ बिजली उपयोग नगर निगम के कोषागार पर बोझ साबित हो रहा है। नगर निगम आयुक्त की तमाम कोशिश के बाद बिजली बिल( Electricity Bill )के तौर पर नगर निगम को मासिक 20 करोड और सालाना 250 करोड़ रुपया चुकाना पड़ रहा है।
बेस्ट कलेक्टर और बेस्ट डीडीओ का अवार्ड जीत चुके 2002 बैच के आईएएस अधिकारी और अहमदाबाद नगम निगम आयुक्त लोचन सेहरा (Ahmedabad Municipal Corporation Commissioner Lochan Sehra )ने परिपत्र जारी कर कर्मचारियों से बिजली बचाने की अपील की थी ,सामान्य तौर से सुबह 10 . 20 बजे अधिकारी कर्मचारियों के आने का समय होता है लेकिन उसके एक घंटे पहले लाइट , पंखा एसी चालू कर दिए जाते हैं जबकि अधिकारी जब अपने केबिन में नहीं होते तब भी एसी चालू रहती है।
जिसके कारण पहले अनाफ़ -शनाफ बिजली बिल आता है। पहले से आर्थिक संकट का सामना कर रही नगर निगम को इस बोझ से बचाने के लिए नगर नगम के राजस्व कमेटी के चेयरमैन जैनिक वकील (Jaink Vakil, Chairman of the Municipal Revenue Committee )ने भाजपा पदाधिकारियों और से चर्चा कर सोलर पैनल लगाने के लिए कई एजेंसियों को बुलाया था ,जिसमें एएमसी की किस बिल्डिंग में सोलर पैनल लग सकता है , इसकी जानकारी मांगी है।
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