गुजरात विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने गुजरात सरकार को इस बात के लिए आड़े हाथ लिया है कि वह वेरावल में स्थित आदित्य बिड़ला नुवो की एक इकाई इंडियन रेयॉन से 349 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने में वसूलने में विफल रही है।
पीएसी के मुताबिक, यह बकाया पिछले 18 वर्षों का है। इस बकाये की वसूली में सरकार की रुचि कमी दिख रही है। कांग्रेस विधायक पंजाभाई वंश की अध्यक्षता वाली समिति ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें अब तक नहीं की गई वसूली पर आपत्ति जताई गई है।
लोक लेखा समिति सरकार के राजस्व और व्यय का लेखा-जोखा देखती है, जो विधानसभा के चुनिंदा सदस्यों वाली होती है।
भाजपा और कांग्रेस के 14 वरिष्ठ विधायकों के साथ 14वीं गुजरात विधानसभा के तहत गठित पीएसी ने सर्वसम्मति से कहा है कि कलेक्टर ने सरकारी जमीन पर कंपनी द्वारा किए गए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। पीएसी ने यहां तक पूछा कि कंपनी द्वारा किए गए अतिक्रमण को ‘जमीन हथियाने’ की संज्ञा दी जानी चाहिए या नहीं। पीएसी ने उल्लेख किया है कि राजस्व और जल संसाधन अधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही के कारण राजकोष को बड़ा नुकसान हुआ है।