अहमदाबाद: भारत की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने अपनी पूंजी प्रबंधन यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने अपनी पहली निर्माण सुविधा, जिसकी कुल राशि 1.06 बिलियन डॉलर थी, को सफलतापूर्वक पुनर्वित्त कर लिया है। यह सुविधा 2021 में भारत के सबसे बड़े सौर-पवन हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा क्लस्टर को राजस्थान में विकसित करने के लिए ली गई थी।
इस पुनर्वित्त योजना के तहत AGEL ने 19 वर्षों की अवधि के साथ एक दीर्घकालिक वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित की है, जिसमें पूरी तरह से चुकौती योग्य ऋण संरचना शामिल है। यह रणनीति इस तरह बनाई गई है कि यह कंपनी की परिसंपत्तियों की नकदी प्रवाह जीवनचक्र से मेल खाती है, जिससे वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होती है।
इस पुनर्वित्त प्रक्रिया की सफलता AGEL के पूंजी प्रबंधन कार्यक्रम की पूर्णता को दर्शाती है। यह कार्यक्रम दीर्घकालिक वित्त पोषण प्राप्त करने पर केंद्रित है, जिससे कंपनी विविध वित्तीय स्रोतों तक पहुंच प्राप्त कर सके और अपनी नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कर सके।
AGEL की इस पुनर्वित्त सुविधा को तीन प्रमुख घरेलू रेटिंग एजेंसियों—ICRA, इंडिया रेटिंग्स और केयरएज रेटिंग्स—द्वारा AA+/स्थिर दर्जा दिया गया है। यह उच्च क्रेडिट रेटिंग कंपनी के मजबूत परिचालन प्रदर्शन और वित्तीय संरचना की स्थिरता को दर्शाती है।
AGEL भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभा रही है। कंपनी वर्तमान में 12 राज्यों में फैले 12.2 GW के परिचालन नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का प्रबंधन कर रही है और 2030 तक 50 GW की क्षमता हासिल करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। यह भारत के डीकार्बनाइजेशन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अलावा, AGEL गुजरात के खवड़ा में दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना विकसित कर रही है, जिसकी क्षमता 30 GW होगी और यह 538 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली होगी।
इस पुनर्वित्त पहल के माध्यम से, AGEL वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति को और अधिक सुदृढ़ कर रही है, जिससे न केवल वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होगी बल्कि एक हरित और स्वच्छ भविष्य की दिशा में भी तीव्र गति से प्रगति होगी।