अहमदाबाद: आरटीआई राडार ने गो फर्स्ट की कैंसिल फ्लाइट को भी उड़ान भरते पकड़ा

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

अहमदाबाद: आरटीआई राडार ने गो फर्स्ट की कैंसिल फ्लाइट को भी उड़ान भरते पकड़ा

| Updated: December 18, 2022 09:58

सूचना के अधिकार (RTI) का इस्तेमाल करते हुए एक व्यक्ति ने एक गो फर्स्ट एयरलाइन से मुआवजा हासिल किया है। उसने फ्लाइट कैंसिल बताकर उसके परिवार के टिकट रद्द कर दिए थे। हालांकि, आरटीआई के जरिये पता चला कि फ्लाइट कैंसिल नहीं हुई थी। इस उपभोक्ता आयोग (consumer commission) ने एयरलाइन को पांच लोगों के परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

दरअसल इन यात्रियों के लिए यह दूसरी बार था, जब उन्हें उड़ान रद्द होने का सामना करना पड़ा। इसलिए वह इस बार मामले की जड़ तक पहुंचे। उनके साथ फ्लाइट कैंसिल होने का मामला पहली बार कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन में हुआ था। अहमदाबाद स्थित उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (ग्रामीण) ने एयरलाइन की कार्रवाई को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार माना। 9 दिसंबर को आयोग ने एयरलाइन को पांच यात्रियों में से प्रत्येक को 7,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। परेशान (harassment ) होने के लिए 5,000 रुपये और कानूनी खर्च के लिए 2,000 रुपये अलग से मिले। यह सब  उस रिफंड के अतिरिक्त था, जो एयरलाइन पहले ही दे  चुकी थी।

दरअसल, अरविंद कुमार चौरसिया और उनके परिवार के चार लोगों को 7 मई, 2020 को वाराणसी जाना था। चौरसिया ने जाने की तारीख से दो महीने पहले गो फर्स्ट फ्लाइट में टिकट बुक किया था। तब यात्रा संभव नहीं थी, क्योंकि केंद्र ने मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा दिया था। चौरसिया ने रिफंड मांगा, लेकिन एयरलाइन ने अनुरोध को खारिज कर दिया। हालांकि इसके बदले इसी पैसे पर दूसरी यात्रा का वादा किया।

चौरसिया ने नवंबर में एक शादी में शामिल होने के लिए सितंबर 2020 में वाराणसी जाने वाली गो फर्स्ट की फ्लाइट में फिर से पांच टिकट बुक किए और अपने क्रेडिट शेल (credit shell. ) का इस्तेमाल किया। फ्लाइट 24 नवंबर, 2020 के लिए निर्धारित थी। लेकिन चौरसिया को 28 अक्टूबर, 2020 को एयरलाइन से एक मेल मिला। इसमें उन्हें फ्लाइट शेड्यूल में बदलाव की सूचना दी गई थी। बाद में बिना कोई कारण बताए टिकट कैंसिल कर दिए गए। जब चौरसिया ने पूछताछ की तो एयरलाइन ने उन्हें 18,320 रुपए वापस कर दिए। सेवा से नाखुश होकर उन्होंने मुकदमा दायर किया। परिवार को परेशान करने के लिए मुआवजे की मांग की।

एयरलाइन ने अपने मामले का बचाव करते हुए कहा कि पहली उड़ान रद्द करना लॉकडाउन के कारण था जब स्थिति उसके नियंत्रण से बाहर थी, और दूसरी रद्द परिचालन संबंधी कठिनाइयों के कारण थी जिसे वह नियंत्रित नहीं कर सकता था।

हालांकि, 24 नवंबर, 2020 को अनिल पाल नाम के एक यात्री ने उसी अहमदाबाद-वाराणसी फ्लाइट से  यात्रा की, जिसे एयरलाइन ने रद्द करने का दावा किया था। इसे साबित करने के लिए उन्होंने आयोग को सभी जरूरी दस्तावेज दिए। उन्होंने तर्क दिया कि एयरलाइन ने उनके परिवार के टिकट रद्द कर दिए क्योंकि यह शादी का मौसम था। ऐसे में वह उनके जैसे लोगों से अधिक पैसे प्राप्त कर सकता था, जिन्होंने उड़ान से महीनों पहले बुकिंग की थी।

होगी जांचः

इस बीच, विमानों की कमी और यात्रियों की असुविधा में वृद्धि के कारण गो फर्स्ट एयरलाइन विमानन नियामक महानिदेशालय (DGCA) की जांच के दायरे में आ गई है। एविएशन मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, “डीजीसीए इस मामले को देखेगा और उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।” मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यात्रियों की शिकायतें काफी बढ़ गई हैं। इसमें यात्रियों को हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद पता चल रहा है कि जिस फ्लाइट से उन्हें उड़ान भरनी है, वह मौजूद नहीं है।

इंजनों और स्पेयर पार्ट्स की डिलीवरी को प्रभावित करने वाली सप्लाई चेन में बाधाओं से परेशान एयरलाइन ने पहले ही सर्दी में (winter schedule) फ्लाइटें कम कर दी थीं। यह 30 अक्टूबर से 25 मार्च तक के लिए है। डीजीसीए के मुताबिक, एयरलाइन को प्रति सप्ताह 1,390 उड़ान संचालित करने की मंजूरी दी गई है, जो 2021 के अपने शीतकालीन कार्यक्रम (winter schedule) और कोविड-19 वाले समय वाले स्तर से लगभग 40% कम है।

और पढ़ें: वंदे भारत – 140 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा क्रैश बैरियर

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d