पूर्व में भरूच में कई बाढ़ और औद्योगिक आपदाओं (industrial disasters) का सामना करने के बाद, जिला प्रशासन ने आपदाओं को कम करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित प्रणाली का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
नई प्रणाली के तहत नर्मदा नदी (Narmada river) के जल स्तर पर रीयल टाइम डेटा, ज्वारीय डेटा के साथ बारिश की उन्नत जानकारी की मदद से प्रशासन को निकासी और राहत उपायों की तैयारी के लिए समय मिलेगा। जलस्तर बढ़ते ही सिस्टम एसएमएस और कॉल के जरिए टीमों को अपडेट करेगा। यह सिस्टम हूटर के जरिए गांवों को अलर्ट भी करेगा। जिला प्रशासन ने इस प्रणाली को ‘ई-रीवा’ नाम दिया है, जिसे स्थानीय उद्योगों और प्रशासन द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
ई-रीवा के बारे में बात करते हुए, भरूच के जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा ने बताया, “पिछले साल, हमने लगातार ज्वार (Sardar Sarovar dam) के स्तर की निगरानी की और सरदार सरोवर बांध अधिकारियों को सूचित किया ताकि वे ज्वार के समय पानी न छोड़े। हम गोल्डन ब्रिज पर मैन्युअल रूप से नदी के स्तर का भी आकलन कर रहे थे। हमने सोचा कि इतने अधिक डेटा के साथ बाढ़ और अन्य आपदाओं की पूर्व चेतावनी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। हम इस परियोजना के साथ आए जहां हमने पानी के स्तर को नापने के लिए तीन पुलों पर रडार-आधारित सेंसर लगाए। हमारे पास बारिश और लाइव ज्वारीय स्तरों को मैप करने के लिए गेज मीटर भी होंगे। हम इन सभी को सिस्टम में डाल देंगे, जो हमें संभावित बाढ़ जैसी स्थिति की सटीक भविष्यवाणी पहले ही कर देगा और जल स्तर कब बढ़ेगा।”
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