सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। इसके साथ ही अहमदाबाद में हवा की गुणवत्ता (quality) बेहद खराब हो गई है। एयर क्वालिटी देखने वाले सफर (SAFAR) ने पीएम 2.5 की सांद्रता (concentration) 215 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (μg/m3) दर्ज की है। इसमें भी दो क्षेत्र बहुत खराब श्रेणी में थे। गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) ने अहमदाबाद नगर निगम (AMC) को कानूनी नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यह स्थिति पर्यावरण संरक्षण कानून का सीधा उल्लंघन (contravention) है।
अहमदाबाद में मंगलवार को एयर क्वालिटी, पिराना में 307 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पीएम2.5 दर्ज की गई, जो बेहद खराब मानी गई। पिराना में शहर और राज्य का सबसे बड़ा कचरा टीला है।
नोटिस में कहा गया है कि पिराना में ठोस कचरे (solid waste) को लगातार जलाने से शहर के बाकी हिस्सों की तुलना में भारी पीएम (particulate matter ) दिखाई देते हैं, जिससे यह “प्रमुख स्रोत” बन जाता है। अहमदाबाद में इसका असर न सिर्फ लोगों की सेहत पर पड़ रहा है, बल्कि वासना-नरोल रोड पर विजिबिलिटी भी कम हो गई है।
इसके अलावा, जीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा एक सप्ताह पहले 1 नवंबर को किए गए ताजा जांच में एएमसी के कामों में भारी कमियां दिखीं। जैसे- एक्सेल इंडस्ट्रीज के पीछे साइट पर ताजा कचरा जमा किया गया था, एएमसी ने स्थान पर एक सैनिटरी लैंडफिल साइट प्रदान नहीं की थी। इसने पर्याप्त लीचेट सुविधाएं भी नहीं दी थी और डंप साइट के चारों ओर एक चारदीवारी भी नहीं लगाई थी।
नोटिस में कहा गया है कि पिराना से होने वाले उत्सर्जन (emissions) को कंट्रोल करने के लिए कोई एप्रोच रोड नहीं है। इतना ही नहीं, यहां आग को बुझाने के लिए कोई फायर हाइड्रेंट सिस्टम भी नहीं है।
जीपीसीबी के नोटिस में कहा गया है कि एएमसी ठोस कचरा प्रबंधन नियम (Solid Waste Management Rules)-2016 के साथ-साथ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (Environment (Protection) Act )-1986 के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है। एएमसी को नोटिस का जवाब 15 दिनों के भीतर देने को कहा गया है।
इस बीच, ठोस कचरा प्रबंधन (SWM) के ओएसडी और उप नगर आयुक्त (Deputy Municipal Commissione) सीआर खरसान ने कहा है कि उन्हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पिराना में जैव-खनन (bio-mining) का काम पूरी तेजी से चल रहा है। एएमसी ने पिछले डेढ़ साल में 45 एकड़ जमीन पहले ही साफ कर दी है।
खरसान ने कहा, “नए कमिश्नर के आने के बाद हमने मरम्मत और अतिरिक्त मशीनों को काम पर लगाकर बायो माइनिंग की क्षमता को 7,000 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 12,000 मीट्रिक टन प्रति दिन कर दिया है।”
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