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भूटान ने 5,000 मेगावाट हाइड्रोपावर परियोजनाओं के लिए अडानी समूह के साथ किया एमओयू

| Updated: May 9, 2025 13:53

यह एमओयू 570/900 मेगावाट वांगचू जलविद्युत परियोजना के लिए चल रही साझेदारी को आगे बढ़ाता है, जिसमें डीजीपीसी की 51 प्रतिशत और अडानी समूह की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

थिंपू। अडानी समूह और भूटान के ड्रूक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (डीजीपीसी) ने एक महत्वपूर्ण मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों कंपनियां मिलकर भूटान में 5,000 मेगावाट की हाइड्रोपावर परियोजनाएं विकसित करेंगी।

डीजीपीसी के एमडी दाशो छेवांग रिनजिन और अडानी ग्रीन हाइड्रो लिमिटेड के सीओओ (पीएसपी और हाइड्रो) नरेश तेलगु ने प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे, ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो जेम शेरिंग और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

यह एमओयू 570/900 मेगावाट वांगचू जलविद्युत परियोजना के लिए चल रही साझेदारी को आगे बढ़ाता है, जिसमें डीजीपीसी की 51 प्रतिशत और अडानी समूह की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वहीं, 5,000 मेगावाट की व्यापक पहल में अतिरिक्त जलविद्युत और पंप स्टोरेज परियोजनाओं की पहचान की जाएगी, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी और चरणबद्ध तरीके से उनका कार्यान्वयन किया जाएगा।

अडानी ग्रीन हाइड्रो लिमिटेड के सीओओ (पीएसपी और हाइड्रो) तेलगु ने कहा, “यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाती है। डीजीपीसी के साथ मिलकर हम भूटान को उसकी जलविद्युत क्षमता का दोहन करने और भारत को विश्वसनीय हरित ऊर्जा निर्यात करने में सक्षम बना रहे हैं। यह साझा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सीमा पार सहयोग का एक मजबूत उदाहरण है।”

डीजीपीसी के एमडी रिनजिन ने कहा, “अडानी के साथ यह रणनीतिक साझेदारी भूटान के प्रचुर जलविद्युत संसाधनों का दोहन करने में भारत सरकार के साथ हमारे बहुत मजबूत जुड़ाव को और मजबूती देगी, जिसे हमारे दोनों देशों के बीच अनुकरणीय और मैत्रीपूर्ण संबंधों की आधारशिला माना जाता है।”

उन्होंने कहा, “हम अडानी के साथ इस साझेदारी को आगे बढ़ाने और दुनिया भर में उनकी बड़ी सफलताओं से सीखने के लिए उत्सुक हैं।”

भूटान की प्रमुख जलविद्युत कंपनी डीजीपीसी को देश के नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के प्रबंधन में दशकों का अनुभव है। यह भूटान की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो घरेलू ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास दोनों में योगदान देता है। ऐसी साझेदारियों के माध्यम से, डीजीपीसी क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग में भूटान की स्थिति को मजबूत करने में भी मदद कर रहा है।

बुनियादी ढांचा और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का अग्रणी अडानी समूह परियोजना विकास, वित्तपोषण और बाजार पहुंच में व्यापक विशेषज्ञता रखता है। यह भूटान को अपनी जलविद्युत क्षमता बढ़ाने और भारतीय ऊर्जा बाजारों तक पहुंच को सुगम बनाने में सहायता करेगा।

इस सहयोग के तहत, अडानी समूह विश्वसनीय बिजली खरीद और भारत के वाणिज्यिक बिजली बाजारों के साथ एकीकरण सुनिश्चित करेगा, जिससे क्षेत्रीय ऊर्जा व्यापार में भूटान की भूमिका और मजबूत होगी। इस साझेदारी को भूटान और भारत दोनों सरकारों का पुरजोर समर्थन प्राप्त है, जो स्वच्छ ऊर्जा विकास और आर्थिक एकीकरण के लिए साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

यह पहल भूटान के अक्षय ऊर्जा रोडमैप के भी अनुरूप है, जिसका लक्ष्य साल 2040 तक अतिरिक्त 20,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता हासिल करना है। यह रोडमैप सौर और भूतापीय ऊर्जा में विविधीकरण को प्राथमिकता देता है और निवेश तथा नवाचार को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक साझेदारी को भी प्रोत्साहित करता है।

एक और मील के पत्थर के रूप में, डीजीपीसी और अडानी समूह ने वांगचू परियोजना के लिए शेयरधारकों के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जो भूटान के जलविद्युत क्षेत्र को आगे बढ़ाने के उनके साझा प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।

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