देश में तंबाकू सेवन करने वाले किशोरों में आई कमी, फिर भी हालात ठीक नहीं - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

देश में तंबाकू सेवन करने वाले किशोरों में आई कमी, फिर भी हालात ठीक नहीं

| Updated: June 1, 2022 09:09

स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 8.5% भारतीय किशोरों यानी 13 से 15 वर्ष के बच्चों ने तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन किया। यह 2003 से कम है, जब लगभग 17% किशोरों ने ऐसा किया था। यह सरकार के वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण से स्पष्ट हुआ है, जो तब से तीन बार किया गया है।

स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज द्वारा किए गए 2019 के सर्वेक्षण में 987 सरकारी और निजी स्कूलों के 80,772 से अधिक किशोरों की प्रतिक्रियाएं शामिल थीं।

बच्चों को तंबाकू से जल्दी परिचित कराया जाता है। सिगरेट पीने की शुरुआती औसत आयु 11.5 वर्ष थी, जबकि बीड़ी के लिए यह 10.5 वर्ष और धुआं रहित तंबाकू के लिए 9.9 वर्ष थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में बीड़ी की तुलना में किशोरों ने सिगरेट (2.6%) का सेवन अधिक किया, जो 2.1% था। धूआं रहित तंबाकू का सेवन- जैसे कि पान मसाला, या अन्य तंबाकू उत्पादों-का सेवन करने वालों की संख्या 4.1% रही।

लड़कियों से ज्यादा लड़के तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले लड़कों का अनुपात 2003 के 21.6 फीसदी से गिरकर 2019 में 9.6 फीसदी हो गया।

विशाखापत्तनम में एचसीजी कैंसर अस्पताल में विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट विजय आदित्य यादाराजू के अनुसार, तंबाकू कई प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है। साथ ही हृदय रोगों, मधुमेह, पुराने फेफड़ों के संक्रमण, दृष्टि और श्रवण हानि और दंत समस्याओं को बढ़ाने वाला भी साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में सिगरेट पीने से मुंह के कैंसर का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है।

नवी मुंबई के अपोलो अस्पताल एक वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट तेजिंदर सिंह ने कहा- निकोटीन रक्त वाहिकाओं को फैलाता है, जिससे मस्तिष्क, हृदय और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है। इससे दवा की लत लग जाती है और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

उपयोग को बढ़ाने वाले कारण

जिन राज्यों में किशोरों का सबसे अधिक अनुपात तंबाकू का उपयोग करता है, वे हैं मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश। इसके बाद आते हैं नगालैंड और मेघालय। सबसे कम उपयोग हिमाचल प्रदेश में होता है। इसके बाद कर्नाटक और गोवा का स्थान आता है।

जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन के अनुसार, तंबाकू के विज्ञापन पर प्रतिबंध और तंबाकू और उसके उत्पादों पर भारी टैक्स जैसे उपायों से देश में तंबाकू के उपयोग में कमी आई है। फिर भी मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों, कम शिक्षित, ग्रामीण और तंबाकू-उत्पादक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में तंबाकू का उपयोग आम ही है।

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के डेटा का उपयोग करते हुए पीएलओएस वन में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन में पाया गया कि तंबाकू के खतरों के बारे में जागरूकता की कमी भी तंबाकू के उपयोग को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि किसी गरीब परिवार के वयस्कों में धूम्रपान रहित तंबाकू के सेवन का जोखिम काफी अधिक होता है।

Your email address will not be published. Required fields are marked *