क्या गुजरात सरकार नई जंत्री दरें तय करते समय कमियों को दूर करेगी?

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क्या गुजरात सरकार नई जंत्री दरें तय करते समय कमियों को दूर करेगी?

| Updated: January 7, 2023 12:24

अहमदाबाद: राज्य सरकार जंत्री दरों को अपडेट करने की कोशिश में है। उम्मीद है कि 12 साल पहले प्रक्रिया को अंतिम रूप दिए जाने के दौरान सामने आई कमियों को दूर कर दिया जाएगा। 2011 की जंत्री दरों के अनुसार एक ही सड़क के दोनों ओर संपत्तियों की बिक्री के मूल्य में भारी अंतर है।

जंत्री में विसंगतियों (discrepancies) के कारण एसजी हाईवे के दोनों किनारों पर- थलतेज और बोदकदेव में संपत्ति की दरें काफी भिन्न हैं। जमीन की कीमत ड्राइव-इन रोड से लेकर थलतेज चौराहे तक ले लीजिए। बोदकदेव में पड़ने वाले प्लाटों की गणना (calculated) 12,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की जाती है, जबकि थलतेज कमांड में 54,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से गणना की जाती है।

एसपी रिंग रोड के साथ लगे चांदखेड़ा, लापकामन, जगतपुर और जुंदाल जैसे इलाके भी इसी तरह की विसंगतियों का सामना करते हैं। चांदखेड़ा में भूमि का मूल्य 17,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, और पास के जुंदाल में यह 3,300 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। जगतपुर में जमीन की कीमत 10,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि पास के लापकामन में जमीन की कीमत 1,550 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।

विशेषज्ञों के अनुसार, गुजरात सरकार ने पहली बार 1999 में जंत्री दरें तय कीं। हालांकि, उद्धृत (quoted) बाजार मूल्य 1997 के आधार वर्ष के लिए थे, जब बाजार फलफूल रहा था, और रियल एस्टेट विकास अपने चरम पर था। विशेषज्ञों का कहना है कि ये जंत्री कीमतें गैर-वैज्ञानिक और गैर-स्केलेबल थीं। बाजार के बदलते माहौल के अनुसार उन्हें अपडेट करने के लिए कोई सिस्टम नहीं था।

जब सरकार ने 2011 में जंत्री दरों में संशोधन किया, तो कई क्षेत्रों में इसका विरोध हुआ। लोगों ने शिकायत की कि निर्धारित कीमतें बहुत अधिक थीं। इसलिए सरकार ने कीमतों को इस वादे के साथ कम कर दिया कि मूल्य वार्षिक रूप से संशोधित किया जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा 2011 में रिविजन से 15,000 सर्वे संख्याओं (survey numbers) को छोड़ दिया गया था। ऐसे सर्वे संख्याओं में संपत्तियों के सेल डीड पास के सर्वे नंबर की जंत्री दर के आधार पर तैयार किए गए हैं।

राजस्व मामलों (revenue cases) को देखने वाले वकील दीपक पटेल ने कहा, “सरकार को वैज्ञानिक मापदंडों का उपयोग करते हुए कीमतें तय करनी चाहिए। पिछले एक दशक में आई नगर नियोजन योजनाओं (town planning schemes) में भूमि मूल्य को कैसे तय किया जाए, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। हर नई टीपी योजना को मंजूरी मिलने पर सरकार को जंत्री कीमतों को अपडेट करना चाहिए। ” टाइटल क्लीयरेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाश शाह ने कहा, “हर जिले में कृषि भूमि का मूल्य कुछ ही दूरी पर अलग हो जाता है। अहमदाबाद जिले के कई गांवों में जमीन की कीमत 20 रुपये से 60 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जो बाजार मूल्य के करीब भी नहीं है। इसके चलते अगर सरकार जमीन का अधिग्रहण करती है तो किसानों को वास्तविक बाजार मूल्य से कम कीमत मिलती है।”

अहमदाबाद में मधुपुरा उच्चतम जंत्री भूमि मूल्य (highest jantri land value) का आदेश देता है। उन्होंने कहा, “कालूपुर में जमीन की कीमत एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जो सिंधु भवन रोड, एसजी हाईवे और सीजी रोड की जमीन की कीमत से ज्यादा है।”

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