जबकि दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों का राष्ट्रीय औसत थोड़ा कम हुआ है, गुजरात में वृद्धि दर्ज की गई है। हाल ही में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में दिल का दौरा पड़ने से 2948 लोगों की मृत्यु हुई।
पिछले साल गुजरात में दिल का दौरा पड़ने से मरने वाले 2948 लोगों में से 2611 पुरुष थे और 337 महिलाएं थीं। इसका मतलब यह हुआ कि गुजरात में पिछले एक साल में औसतन हर दिन औसतन 7 पुरुष और एक महिला की मौत हार्ट अटैक से हुई।
हालांकि, महाराष्ट्र और केरल में इसके मोर्चे पर स्थिति गंभीर है, जहां 2021 में दिल का दौरा पड़ने से 10489 और 3872 लोगों की मौत हुई थी।
दिल के दौरे से सबसे अधिक प्रभावित आयु वर्ग 20-40 है। इस आयु वर्ग में मामलों में 20% की वृद्धि हुई है। 20-30 आयु वर्ग में भी पिछले वर्ष की तुलना में 10% की वृद्धि दर्ज की गई है।
फास्ट फूड, अपर्याप्त नींद, शराब का सेवन, तनाव, धूम्रपान और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली हृदय संबंधी बीमारियों के लिए जिम्मेदार कारक हैं।
कार्डियोवैस्कुलर बीमारी वाले मरीजों को सुबह जल्दी हमले का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि सर्दियों में अधिक दिल के दौरे होने की आम धारणा के विपरीत, यह मानसून के दौरान होता है कि ज्यादातर दिल के दौरे के कॉल आते हैं। 2021 में 108 सेवा द्वारा प्राप्त 42555 कॉलों में से 4334 सितंबर में प्राप्त हुईं जबकि 4195 दिसंबर में प्राप्त हुईं।
हिन्दू समाज ढोंगी नंबर -1 ; राज्यपाल आचार्य देवव्रत का विवादित बयान