अहमदाबाद/राजकोट: गुजरात में शुक्रवार शाम 5 बजे तक बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस (Covid-19) के 170 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से सबसे अधिक 88 केस अहमदाबाद शहर से दर्ज किए गए। राज्य में 68 मरीजों को संक्रमण मुक्त घोषित किया गया, जिनमें से 34 अहमदाबाद से थे।
स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन के अनुसार, गुजरात में इस समय 717 एक्टिव केस हैं। इनमें से 23 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि बाकी 694 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। राहत की बात यह है कि शुक्रवार को राज्य में कोविड से कोई नई मौत दर्ज नहीं हुई।
स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि अगर उन्हें सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या अन्य लक्षण महसूस हों तो तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। साथ ही, हाथों की सफाई बनाए रखने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने और इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज्ड व्यक्तियों को मास्क पहनने व भीड़भाड़ से दूर रहने की सलाह दी गई है।
अहमदाबाद शहर में कुल 374 एक्टिव केस हैं, जिनमें वेस्ट ज़ोन में सबसे ज़्यादा 128 केस, नॉर्थ वेस्ट ज़ोन में 105, और साउथ वेस्ट ज़ोन में 66 केस दर्ज किए गए हैं। कुल मिलाकर शहर के पश्चिमी इलाके शहर के 80% एक्टिव केस के लिए जिम्मेदार हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर भी गुजरात चिंता का विषय बन गया है। शुक्रवार को 1,679 मामलों के साथ केरल पहले, और 615 एक्टिव केस के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर रहा।
इसके बाद पश्चिम बंगाल (596), दिल्ली (592), और महाराष्ट्र (548) जैसे राज्य हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के डैशबोर्ड के अनुसार, बीते 24 घंटे में देशभर में 4 कोविड मरीजों की मौत हुई, जिनमें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट, लिवर और फेफड़ों की बीमारियाँ मौजूद थीं।
शहर के डॉक्टरों का कहना है कि फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या स्थिर बनी हुई है। प्रमुख लक्षणों में बॉडी एक, सिरदर्द, दस्त, तेज बुखार और गले में खराश शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड संक्रमण की शुरुआती पहचान में पहले 24 से 48 घंटों में तेज बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण प्रमुख होते हैं।
मरीजों का इलाज सामान्य लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है। हालांकि, पहली दो लहरों की तुलना में इस बार सांस की तकलीफ वाले मामले बहुत कम हैं। कुछ ही मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता पड़ी है। छोटे बच्चों को मां के साथ ही लक्षण-आधारित इलाज दिया जा रहा है।
अधिकांश मरीज 24 से 48 घंटों में ठीक होने लगते हैं, और केवल कुछ ही मामले गंभीर स्थिति तक पहुंचते हैं।