गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने राज्य में 2022 की रथ यात्रा के दौरान अपनाई गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की थी। यह एसओपी इस वर्ष के दौरान प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने में राज्य पुलिस द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालता है। अब, गुजरात पुलिस इस एसओपी को राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (National Police Academy), हैदराबाद में युवा अधिकारियों के प्रशिक्षण के उद्देश्य से भेजेगी।
शहर के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव ने Vo! को बताया, “इस साल की रथ यात्रा कई तरह की चुनौतियों के साथ एकदम अलग थी। इसलिए, स्थिति को संभालने के लिए एक नया एसओपी अपनाया गया। हम इस एसओपी को पुलिस अकादमी में युवा पुलिस प्रशिक्षुओं के साथ साझा कर रहे हैं, जो वास्तव में उनके लिए मददगार होगा।”
राज्य पुलिस को इस रथ यात्रा (Rath Yatra) के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता सुनिश्चित करने की जरूरत थी। रामनवमी के दौरान पथराव की पिछली घटनाएं, नूपुर शर्मा का विवादित बयान, फिर उदयपुर में उससे जुड़ी हत्या और सांप्रदायिक अफवाहें इस रथ यात्रा में प्रमुख खतरे की आशंकाओं के रूप में देखी जा रही थी। हालांकि पुलिस ने मामले को ठीक से संभाल और लोगों के घरों में जाकर कम्युनिटी पुलिसिंग की।
श्रीवास्तव ने कहा कि, चूंकि रथ यात्रा का अधिकांश मार्ग सेक्टर-1 के ज्वाइंट सीपी राजेंद्र असारी के क्षेत्र में है, इसलिए उन्होंने महिला आईपीएस अधिकारियों की मदद से बच्चों और महिलाओं तक पहुंच कर कम्युनिटी पुलिसिंग की है। इसके अलावा, आतंकवाद विरोधी दस्ते (Anti-Terrorist Squad) और एक अर्धसैनिक बल दंगा विरोधी प्रशिक्षण और हथियारों से अच्छी तरह सुसज्जित थे। साथ ही ड्रोन लगातार निगरानी कर रहे थे।
उस समय पुलिस विभाग के तकनीकी सहयोग से सामाजिक निगरानी के माध्यम से प्रभावी योजना के साथ-साथ रथ यात्रा के दौरान हेलीकाप्टरों का उपयोग कर क्षेत्र में गश्त किया गया।
यहां सबसे बड़ी चुनौती नूपुर शर्मा का विवादित टिप्पणी था, जिसके बाद में उदयपुर में इससे जुड़ी हत्या हुई। इस प्रकार, दोनों घटनाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थीं और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा साझा की गई खतरे की जानकारी के कारण वह लगातार हाई अलर्ट पर थीं। ऐसे में पुलिस ने रथ यात्रा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए आवश्यक तैयारियां की हुई थीं।
पुलिस ने सेक्टर -1 में एकता क्रिकेट और 72 बैठकें भी आयोजित कीं, जिसे दंगों की पिछली घटनाओं को देखते हुए एक संवेदनशील क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है। सेक्टर-1 के जेसीपी राजेंद्र असारी लोगों के बीच संवाद स्थापित करने में लगातार सक्रिय रहे और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने के लिए विशेष रूप से सरसपुर में एकता क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया।
टूर्नामेंट के दौरान लोगों ने जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के महंत और मस्जिद के मौलवी को गेंदबाजी करते हुए देखा। साथ ही शाहपुर मस्जिद में नमाज के समय में भी बदलाव किया गया।