नई दिल्ली: भारत ने रविवार को इतिहास रचते हुए अपना पहला आईसीसी महिला विश्व कप खिताब जीत लिया है। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से करारी शिकस्त दी।
इस ऐतिहासिक जीत में ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने गेंद से कमाल करते हुए 4 महत्वपूर्ण विकेट झटके। उन्होंने खतरनाक दिख रहीं शतकवीर लॉरा वोल्वार्ट (101) को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया।
शेफाली-स्मृति की बेमिसाल शुरुआत
इससे पहले, भारत ने शेफाली वर्मा की 87 रनों की दमदार पारी की बदौलत एक मजबूत नींव रखी। शेफाली ने जबरदस्त परिपक्वता दिखाते हुए स्मृति मंधाना (45) के साथ पहले विकेट के लिए 104 रनों की शानदार साझेदारी की।
मंधाना (58 गेंदों पर 8 चौके) अच्छी लय में दिख रही थीं, लेकिन क्लो ट्रायोन (1/46) की गेंद पर विकेट के पीछे कैच आउट हो गईं। हालाँकि, मंधाना ने 9 मैचों में 54.25 की औसत से 434 रन बनाकर टूर्नामेंट का अंत किया, जो अब विश्व कप इतिहास में किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
शेफाली ने दूसरे छोर से आक्रामक रुख जारी रखा, लेकिन शतक से चूक गईं। उन्हें अयाबोंगा खाका (3/58) ने सुने लूस के हाथों मिड-ऑफ पर कैच कराया।
मध्य क्रम लड़खड़ाया, दीप्ति-ऋचा ने संभाला
दो सेट बल्लेबाजों के आउट होने के बाद, भारत की पारी लड़खड़ा गई। जेमिमा रोड्रिग्स (24) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (20) अपनी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सकीं।
जेमिमा को खाका की गेंद पर कप्तान लॉरा वोल्वार्ट ने एक शानदार लो कैच लेकर चलता किया। वहीं, हरमनप्रीत 39वें ओवर में नॉनकुलुलेको म्लाबा की गेंद पर बोल्ड हो गईं।
इसके बाद दीप्ति शर्मा और ऋचा घोष ने पारी को संभाला। दीप्ति ने 58 गेंदों पर 58 रन (तीन चौके, एक छक्का) बनाए, जबकि ऋचा ने 24 गेंदों पर 34 रनों (3 चौके, 2 छक्के) की तूफानी पारी खेली। दोनों ने छठे विकेट के लिए 47 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर भारत को 298/7 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
मैच की शुरुआत में दो घंटे की बारिश की देरी हुई थी। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, पिच धीमी होती गई और स्पिनरों को मदद मिलने लगी, जिसका फायदा दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने उठाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
भारत की इस शानदार उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को बधाई दी।
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में कहा, “आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 फाइनल में भारतीय टीम द्वारा एक शानदार जीत। फाइनल में उनका प्रदर्शन बेहतरीन कौशल और आत्मविश्वास से भरा था। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में असाधारण टीम वर्क और दृढ़ता दिखाई। हमारे खिलाड़ियों को बधाई। यह ऐतिहासिक जीत भविष्य के चैंपियनों को खेल अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। #WomensWorldCup2025”
तीसरी बार में मिला ‘वर्ल्ड कप’ का ताज
मैच का अंत भी यादगार रहा जब कप्तान हरमनप्रीत कौर ने पीछे की ओर दौड़ते हुए एक अविश्वसनीय कैच लपका।
यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। टीम तीसरी बार फाइनल में पहुंची थी, इससे पहले 2005 और 2017 में उसे उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा था। इस टूर्नामेंट में भारत का सफर आसान नहीं था; टीम ने लीग चरण में लगातार तीन हार सहित कई झटकों का सामना किया। लेकिन टीम ने विश्वास बनाए रखा और अंततः चैंपियन बनी।
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