संसद भवन में उपवास ,धरना पर प्रतिबंध से जयराम रमेश नाराज , की सख्त.....

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संसद भवन में उपवास ,धरना पर प्रतिबंध से जयराम रमेश नाराज , की सख्त टिप्पणी

| Updated: July 15, 2022 14:12

संसद भवन में असंसदीय शब्दों को लेकर विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ कि शुक्रवार को राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी एक नये सर्कुलर से विपक्षी दल नाराज है। राज्यसभा संसद तथा पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने इस पहल पर कठोर टिप्पणी जतायी है। 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी द्वारा जारी नए सर्कुलर में कहा गया है, “संसद भवन परिसर में कोई भी सदस्य धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह का आयोजन नहीं कर सकता है।”

निलंबन के विरोध में सांसदों ने किया था धरना

22 सितंबर 2020 में को जब कृषि कानूनों को लेकर देश में किसान आंदोलन चल रहा था तब राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते विपक्ष के आठ सांसदों निलंबित कर दिया गया था। इन निलंबित सांसदों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रातभर संसद भवन परिसर में धरना दिया। निलंबित होने वाले सांसदों में टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस नेता राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन और माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल थे।

शब्दों पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया , उन्हें हटाया है -ओम बिड़ला

इसके पहले लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को बताया कि किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा इस मामले में विपक्ष को गलफहमी में नहीं रहना चाहिए और न ही ऐसी गलतफहमियां फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा हमने किसी भी शब्द पर बैन नहीं लगाया है लेकिन उन शब्दों को हटा दिया है जिसको लेकर आपत्तियां थीं।

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