मांडविया ने यात्रा से पाई मंजिलः कोविड काल में भाजपा कार्यकर्ता से स्वास्थ्य मंत्री बनने की कहानी

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मांडविया ने यात्रा से पाई मंजिलः कोविड काल में भाजपा कार्यकर्ता से स्वास्थ्य मंत्री बनने की कहानी

| Updated: December 25, 2022 17:25

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में कोरोना से बचाव के लिए हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लिखे पत्र को लेकर काफी चर्चाओं में रहे। इस पत्र में उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि या तो वे “भारत जोड़ो यात्रा” के दौरान सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें या फिर इसे फिलहाल रोक  दें। यह पत्र उन्होंने चीन और अन्य देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर में केंद्र सरकार की ओर से बरती जा रही सतर्कता को ध्यान में रखकर लिखा था।

दिलचस्प बात यह है कि मांडविया पहली बार गुजरात में अपने पलिताना निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा विधायक (2002-2007) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो पदयात्राओं के कारण ही चर्चित हुए थे। 2002 में गुजरात विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक के रूप में चुने जाने के बाद मांडविया ने बालिका शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के मकसद से 2004 में पलिताना के 45 गांवों में 123 किलोमीटर की कन्या केलवानी ज्योत पदयात्रा की थी। उन्होंने 2006 में अपने निर्वाचन क्षेत्र में इसी कारण और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ भी इसी तरह की पदयात्रा की थी। 2019 में केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने के लिए एक और पदयात्रा का नेतृत्व किया, जिसमें उनके गृह जिले भावनगर के 150 गांव शामिल थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मांडविया बहुत जल्द 40 साल की उम्र में ही राज्यसभा सदस्य बने। उन्होंने 2015 में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने सतत विकास (sustainable development) पर भाषण दिया।

इस साल की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद मांडविया, जो केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री भी हैं, सेंट पीटर्सबर्ग में 25वें अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच (Economic Forum) में भाग लेने गए थे। वह गुजराती व्यापारियों को “मौके को तुरंत पकड़ लेने” की सलाह देकर लौटे, क्योंकि यूरोपीय कंपनियां रूस से बाहर निकल रही थीं।

गुजरात के भावनगर जिले के हनोल गांव के एक किसान के बेटे मांडविया ने 1992 में आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी और 1996 में भाजपा युवा मोर्चा में शामिल होने के बाद से जबरदस्त तरक्की की है।

गुजरात भाजपा में कई लोग मांडविया को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने को पीएम मोदी के उन पर बढ़ते विश्वास के साथ-साथ मोदी के गृह राज्य से दूसरी पंक्ति का नेतृत्व तैयार करने के लिए पार्टी आलाकमान की कोशिश के रूप में देखते हैं। जब भी गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा होती है, मांडविया का नाम संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में सामने आ जाता है।

भाजपा के एक सीनियर नेता ने कहा कि मांडविया की विशेषता उनका संगठनात्मक कौशल और खुद को भगवा पार्टी नेतृत्व के सामने एक “विनम्र कार्यकर्ता” के रूप में पेश करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी राजनीतिक गणनाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव टिकट देती है। इसलिए उन्हें चुनती है जो किसी भी माहौल में जीत सकते हैं। इसलिए मांडविया को सिर्फ एक बार विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला। हालांकि, उन्होंने खुद को एक अच्छा संगठनकर्ता बनाया, जो पार्टी का भरोसा जीत सकता है।’

सीनियर नेता ने कहा कि मांडविया ने पिछले केशुभाई पटेल काल के साथ-साथ नरेंद्र मोदी युग के भाजपा नेताओं का भी विश्वास जीतने का अनोखा कौशल दिखाया है। उन्होंने कहा, “वह पार्टी में तब फिट हो सकते थे, जब नेतृत्व संगठन-केंद्रित था और उन्होंने केशुभाई युग के बाद भाजपा की बदली हुई व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में उभरने के लिए उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है।” उन्होंने कहा कि यह इससे भी पता चलता है कि गुजरात में जब भी पार्टी में नए मुख्यमंत्री की चर्चा चलती है, तो संभावितों में एक नाम उनका ही रहता है। यह पार्टी के भीतर उनके द्वारा प्राप्त महत्व को दर्शाता है। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनका उत्थान उस भरोसे का प्रमाण है जो उन्हें भाजपा नेतृत्व से प्राप्त है।

पीएम मोदी ने जब जुलाई 2021 में अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया था, तब मंडाविया को स्वास्थ्य विभाग दिया था। तब देश एक नई कोविड लहर से जूझ रहा था। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में हर्षवर्धन का स्थान लिया, जिन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। मांडविया को रसायन और उर्वरक (Chemicals and Fertilisers) राज्य मंत्री के रूप में उनके पिछले कार्यकाल से कैबिनेट रैंक में भी प्रमोट किया गया था। तब उनके पास स्वास्थ्य क्षेत्र को संभालने का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन रसायन और उर्वरक के साथ-साथ बंदरगाहों और जहाजरानी राज्य मंत्री के रूप में मंडाविया ने कोविड के दौरान आवश्यक दवाओं और ऑक्सीजन की सप्लाई को बनाए रखने की पूरी कोशिश की।

जब गुजरात 2021 में रेमेडिसविर की कमी से गुजर रहा था, तो उन्होंने एंटी-वायरल दवा की बिक्री फिर से शुरू करने के लिए जाइडस कैडिला के अध्यक्ष पंकज पटेल से बात की। बाद में इसकी निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए मंजूरी भी दी। साथ ही बंदरगाहों को ऑक्सीजन और संबंधित उपकरण ले जाने वाले जहाजों के लिए सभी शुल्क माफ करने और उनकी बर्थिंग को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया।

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