गुजरात में गरबा पर पथराव करने के आरोप में 10 गिरफ्तार, भीड़ के सामने पोल से बांध सरेआम की पिटाई

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गुजरात में गरबा पर पथराव करने के आरोप में 10 गिरफ्तार, भीड़ के सामने पोल से बांध सरेआम की पिटाई

| Updated: October 5, 2022 09:43

अहमदाबादः गुजरात के खेड़ा जिले में गरबा कर रहे लोगों पर भीड़ द्वारा पथराव से सात लोग घायल हो गए। गरबा जिस तुलजा भवानी मंदिर के सामने चौक पर चल रहा था, वहां से कुछ ही दूरी पर मस्जिद भी है। मटर तालुका के उंधेला गांव में यह घटना सोमवार रात की घटी। पथराव के आरोप में पुलिस ने कुछ युवकों को पकड़ लिया है। कहा जा रहा है कि सबक सिखाने के लिए पुलिस ने चार-पांच लड़कों को एक-एक कर पोल से बांधकर पीटा। इस दौरान भीड़ तमाशा देखती रही। बांध कर कोड़े मारने वाली पुलिस सादे कपड़ों में थी। युवक चीख-चीख कर माफी मांगते रहे। वीडियो में दिखता है कि पिटाई के बाद सादे कपड़े में एक पुलिस वाला युवकों को वैन में बैठाने को कह रहा है। इस सबका किसी ने इसका वीडियो बना लिया,जो अब सोशल मीडिया में छाया हुआ है। विपक्ष ने सादे कपड़ों में कोड़े मारने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

संपर्क करने पर उंधेला गांव के सरपंच इंद्रवदन पटेल ने बताया कि पुलिस ने गरबा कार्यक्रम में पथराव करने के 43 आरोपियों में से 10 को गिरफ्तार किया। उन्हें जहां गरबा किया गया, वहीं लाकर सजा दी गई। जिन्हें कोड़े मारे गए, उनकी पहचान का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस ने पुष्टि की कि गरबा को कथित रूप से बाधित करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी दस मुस्लिम समुदाय से हैं। पटेल ने कहा कि गरबा का आयोजन उन्होंने ही किया था। साथ ही दावा किया कि झड़पों में उन्हें सिर में चोटें आई हैं।

अहमदाबाद रेंज के आईजी वी चंद्रशेखर ने कहा, “हमें अभी तक वीडियो की असलियत का पता नहीं लगा है।” खेड़ा जिले के एसपी राजेश गढ़िया ने कहा कि वह “कथित वीडियो को देखेंगे।” सोमवार रात की घटना के बारे में पूछने पर नाडियाड के डीएसपी वीआर बाजपेयी ने कहा: “मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने मंदिर में गरबा उत्सव को रोकने की कोशिश की … इसके बाद पथराव और दंगा हुआ। दंगे में जीआरडी का एक जवान और एक पुलिस कर्मी भी घायल है। लगभग 150 लोगों की भीड़ में से कुल 43 लोगों की पहचान की गई है। उन पर मामला दर्ज किया गया है। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।

वीडियो क्लिप का जिक्र करते हुए कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला और गयासुद्दीन शेख ने कहा कि वीडियो में आरोपियों को कोड़े मारने वाले लोग पुलिस वाले थे। उन्होंने उन्हें “तुरंत निलंबित” करने की मांग की है।

खेड़ावाला और शेख ने ट्विटर पर इसी तरह के संदेश पोस्ट किए: “पुलिस ने आरोपी को बिजली के खंभे से बांध कर लाठियों से पीटा, जबकि जनता ने तालियां बजाईं … जिन अधिकारियों ने कानून अपने हाथ में लिया, उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया जाना चाहिए।”

मध्य गुजरात मुस्लिम समाज सेवा समिति के अध्यक्ष अब्दुल करीम मालेक ने कहा कि पथराव इसलिए हुआ, क्योंकि दंगा भड़कने की अफवाह फैल गई थी। मालेक ने कहा, “दोनों ओर से पथराव किए गए, जो बड़ी झड़प में बदल गया। जब हम थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश कर रहे थे, तब हमने भी सुना कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए कुछ आरोपियों के साथ खुलेआम मारपीट की। अगर पुलिस विभाग इस मामले में अनुशासन की कार्रवाई नहीं करता है, तो हम कानूनी सहारा लेंगे।”

गांव के सरपंच पटेल ने कहा, “मैंने 2021 के पंचायत चुनाव के दौरान संकल्प लिया था कि मैं मंदिर में अष्टमी की एक रात गरबा आयोजित करूंगा। गांव में प्रतिदिन स्थानीय लोगों के लिए अलग गरबा होता है। हालांकि, वे (भीड़) नहीं चाहते थे कि हम ऐसा करें। ”

पटेल की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है: “जब मेरे परिवार के सदस्य और हमारे समुदाय के ग्रामीण तुलजा भवानी मंदिर के पास गरबा खेल रहे थे, तो हमने देखा कि दो आरोपियों के नेतृत्व में गांव के ही मुस्लिम युवकों का एक समूह मंदिर के पार स्थित मस्जिद के पास इकट्ठा हुआ था।”

एफआईआर में आगे कहा गया है कि उन्होंने गरबा खेलने वाली महिलाओं को गाली देना शुरू कर दिया और वापस जाने को कहा। कुछ ही मिनटों में भारी भीड़ जमा हो गई। डीजे के वाहन में तोड़फोड़ शुरू कर दी गई। कुछ ही देर में उन्होंने हम पर पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें यह भी कहा गया है कि गरबा में मौजूद महिलाओं में से एक पर भीड़ की महिलाओं ने कथित तौर पर हमला किया था।

भीड़ में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इनमें 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा, जिससे मौत हो सकती है) और 295-ए (धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) शामिल हैं।

गरबा से संबंधित एक अलग घटना सूरत में भी हुई। सोमवार देर रात वीआईपी रोड पर ठाकोरजी वाडी में तैनात बाउंसरों पर लाठियों से लैस कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इसके बाद दोनों ओर से लड़ाई हो गई। पुलिस ने कहा है कि दो बाउंसर घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

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