नई दिल्लीः पिछले आठ वर्षों में अपनी सरकार की पहल और संगठन के जमीनी कामों का लाभ उठाने के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा अपनी चुनावी तैयारियों को अगले स्तर पर ले जाने में जुट गई है। इसके लिए पार्टी अब पदाधिकारियों की अपनी टीम का विस्तार कर सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी के लिए टीम में अधिक बोलने वालों को शामिल कर सकती है।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक साल का विस्तार मिलने की संभावना है। इसलिए उनके पदाधिकारियों की टीम में जल्द ही और सदस्यों को नियुक्त करने की उम्मीद है, क्योंकि पार्टी को अपने चुनावी तैयारी को बढ़ाने के लिए और अधिक लोगों की आवश्यकता है। सूत्रों ने कहा कि धारणा की लड़ाई में भाजपा स्पष्ट बढ़त हासिल कर लेना चाहती है। इसके लिए वह अपनी मीडिया टीम को भी नया रूप दे सकती है। नई टीमों के इस साल के अंत तक बन जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा की राष्ट्रवादी साख को आधार बनाकर अपने अभियान को बढ़ाएंगे। नड्डा भाजपा सरकार के जनकल्याण से जुड़े कार्यक्रमों की निगरानी के लिए सभी राज्यों का दौरा करेंगे। सूत्रों ने कहा कि शाह का सीमावर्ती राज्यों का हाल का दौरा और लंबे समय से भाजपा के एजेंडे में रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध को तार्किक निष्कर्ष पर अभी नहीं ले जा सका है। इसलिए इस दिशा में भी काम किया जाएगा।
पार्टी नेतृत्व को हाल ही में शुरू किए गए लोकसभा प्रवास कार्यक्रम पर “सकारात्मक प्रतिक्रिया” मिली है। इसके तहत केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी द्वारा चुने गए उन 144 चुनाव क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी। हालांकि 40 केंद्रीय मंत्रियों में से अधिकांश ने अपने दौरे के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, फिर भी पार्टी नेतृत्व “फालोअप” वाला काम करना चाहता है। इसके लिए महासचिवों और राज्यों के प्रभारी सचिवों को वहां डेरा डालाना होगा। एक सूत्र ने कहा, “और भी महासचिव और सचिव होंगे जिन्हें स्थानीय पार्टी और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा अपने प्रवास के दौरान पहले से किए गए जमीनी कामों को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।”
कहना ही होगा कि भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विस्तार किया है और संगठन के स्तर पर कई बड़े कार्यक्रम शुरू किए हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक, इसलिए उसे अब बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक गतिविधियों की निगरानी के लिए अधिक कुशल नेताओं की आवश्यकता है। पार्टी को हर स्तर पर नए नेताओं को भी लाना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा प्रवास कार्यक्रम भी अगली पीढ़ी के नेताओं को तैयार करने की एक कोशिश ही है।
एक सीनियर नेता ने कहा, ‘पार्टी के नेता इस बात पर विशेष ध्यान देते हैं कि केवल एक मजबूत संगठन ही भाजपा को सत्ता में बनाए रखते हुए उसके विकास को भी बनाए रख सकता है। इसलिए, संगठन तंत्र में अधिक जनशक्ति जोड़ना एक स्वाभाविक कदम है। ” केंद्रीय मंत्रियों और पदाधिकारियों के साथ हाल की बैठकों में शाह और नड्डा ने संगठन को प्राथमिकता देने और मजबूत करने पर जोर दिया था। इन बैठकों यह देखना था कि सरकारी कल्याण कार्यक्रमों और विशाल संगठन नेटवर्क दोनों का सही उपयोग किया जा रहा है। वह जमीन पर उतर रहा है या नहीं। जिन राज्यों में इसकी इकाइयां प्रभावी नहीं हैं, वहां भाजपा अपने वैचारिक जनक आरएसएस के नेटवर्क पर बहुत अधिक निर्भर रही है।
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