राजस्थान संकट को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने राज्य के नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ या पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सार्वजनिक बयान देने से परहेज करने की सलाह दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसकी परवाह करते नजर नहीं आ रहे। रविवार को उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया। शशि थरूर के अगले कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम के सांसद “कुलीन वर्ग” से संबंधित हैं।
राज्य सचिवालय में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद रविवार को गहलोत ने कहा कि सभी कांग्रेस नेताओं को इस पर विचार करना चाहिए कि विधायक पिछले हफ्ते नए सीएम के नाम की संभावना पर इतने नाराज क्यों हो गए और केंद्रीय नेतृत्व की परवाह नहीं की। सीएम ने कहा कि 25 सितंबर को जो हुआ, वह एक असामान्य मामला था और यह “केस हिस्ट्री” के तौर पर दर्ज होगा।
गहलोत ने कहा कि उन्होंने सोनिया गांधी से कहा कि 50 साल में पहली बार देखा कि हम एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं करा पाए। यह हमारी ड्यूटी थी, लेकिन यहां पर यह स्थिति क्यों बनी, इस पर रिसर्च की जरूरत है। यह नौबत क्यों आई कि यहां के विधायक मेरी बात मानने को ही तैयार नहीं थे। उलटे स्पीकर के पास इस्तीफा देकर आ गए। शायद उन्हें डर था कि उन्हें देखने वाला दिल्ली जा रहा है, तो वह किसके भरोसे रहेंगे? वैसे जब भी कोई नया सीएम बनता है, तो 50-60 विधायक पाला बदल लेते हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ।”
गहलोत ने सचिन पायलट की बगावत का भी जिक्र कर दिया। कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए हम पर बड़ा संकट आया, लेकिन हमने उसे विफल कर दिया। बीजेपी आगे भी सरकार को डिस्टर्ब करने की कोशिश करेगी, लेकिन वह कामयाब नहीं होगी। 102 लोगों को कैसे भूल सकता है. 10 करोड़ का रेट था, बाद में 10, 20, 50 करोड़ की बात होने लगी. मैं रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है, मैं विधायकों का अभिभावक हूं।
बहरहाल, गहलोत ने पर्याप्त संकेत दिए हैं कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। शनिवार को पत्रकारों ने पूछा कि अगले साल का राज्य बजट कौन पेश करेगा, तो उन्होंने जनता से बजट के बारे में अपने सुझाव सीधे उन्हें भेजने का अनुरोध किया। इस बीचस जयपुर में 7 और 8 अक्टूबर को होने वाले इन्वेस्ट राजस्थान समिट के विज्ञापनों में रविवार को कुछ अखबारों ने सीएम का संदेश भी प्रकाशित किया है।
खड़गे की जीत का भरोसाः
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने थरूर के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना को खारिज कर दिया, क्योंकि वह “कुलीन वर्ग” से आते हैं। गहलोत ने दावा किया कि थरूर के प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे “एकतरफा जीत” की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “खड़गे साहब बहुत अनुभवी व्यक्ति हैं। उन्होंने नौ बार विधानसभा और दो बार संसद का चुनाव जीते हैं। उनका लंबा राजनीतिक करियर रहा है और वे संगठन के लिए काफी अनुभवी हैं, बहुत ही साफ दिल के इंसान हैं और दलित समुदाय से आते हैं।”
गहलोत ने थरूर को “अच्छे विचार रखने वाले” के रूप में प्रशंसा करते हुए कहा, “वह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में थे और जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने के लिए प्रचार किया, तो मैंने वह भी देखा।”
सीएम ने कहा, “वह एक अलग वर्ग यानी कुलीन वर्ग से आते हैं। वह अपनी कला में माहिर हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता संगठन के बारे में क्या सोचता है, और ब्लॉक, बूथ और जिला स्तर पर संगठन को कैसे मजबूत किया जा सकता है; इसके लिए खड़गे साहब के पास सांगठनिक अनुभव है। उनकी तुलना शशि थरूर जी से नहीं की जा सकती।
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