राहुल गांधी 23 मार्च को सूरत कोर्ट में होंगे पेश, मानहानि याचिका पर फैसला -

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राहुल गांधी 23 मार्च को सूरत कोर्ट में होंगे पेश, मानहानि याचिका पर फैसला

| Updated: March 20, 2023 18:37

कांग्रेस नेता राहुल गांधी  सूरत के जिला सत्र न्यायालय  में 23 मार्च को पेश होंगे। सूरत कोर्ट में दायर मानहानि के मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने फैसले के लिए 23 मार्च की तारीख निर्धारित की है। राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री  पूर्णेश मोदी ने  मानहानि की शिकायत की थी। जबकि बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि भाषण से एक कथन को अलग कर मानहानि के लिए आधार बनाना ठीक नहीं, यह कहते हुए कोर्ट से उनके मुवक्किल को आरोपों से बरी करने की मांग की।

गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार राहुल गांधी गुजरात आ रहे हैं। इस मामले में पहले भी राहुल गांधी दो बार व्यक्तिगत तौर से सूरत जिला सत्र
न्यायालय में पेश हो चुके है। वकीलों ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की।

किरीट पानवाला ने कहा, “अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पूरी कर ली है और मामले को 23 मार्च को फैसले के लिए रखा है। राहुल गांधी अदालत में आदेश पारित करने के समय मौजूद रहेंगे।”

2019  लोकसभा चुनाव के दौरान दक्षिण भारत में हुई एक रैली में राहुल ने अपने भाषण में ‘सभी मोदी सरनेम वाले चोर हैं’कहा था। इस कथन को मोदी समाज के लिए अपमानजनक मानते हुए पूर्णेश मोदी ने मानहानि का आरोप लगाया था। शिकायत के बाद से सुनवाई सूरत कोर्ट में चल रही है।

अभियोजन पक्ष की ओर से अंतिम दलीलें खत्म  होने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता किरीट पानवाला ने राहुल गांधी के समर्थन में कोर्ट से कहा कि संविधान के तहत सरकार और सरकार के कामकाज के खिलाफ टिप्पणी करने का प्रत्येक भारतीय को अधिकार मिला है।

राहुल ने अपने भाषण में मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे, तब पूरे भाषण से एक कथन को अलग कर उसे मानहानि का आधार बनाना ठीक नहीं है।

 मोदी सरनेम वाला कोई निश्चित ग्रुप या संगठन नहीं है, जिसकी मानहानि हुई हो। क्योंकि मोदी नाम का कोई समाज नहीं है। सूरती मोढ़वणिक समाज को पूर्णेश मोदी मोदी समाज बता रहे हैं, जबकि मोढ़वणिक समाज के संविधान या किसी दस्तावेज में इसका कोई उल्लेख नहीं है।

वहीं, खुद पूर्णेश मोदी पहले मोदी नहीं थे, वे पहले भूतवाला थे और बाद में अपनी सरनेम मोदी परिवर्तित की है, लेकिन जिसे लेकर भी स्वीकृत नहीं मिली है। राहुल गांधी ने भाषण में किसी समाज या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाया हो ऐसा कहीं नजर नहीं आता।

सबूतों के तौर पर जो सीडी और डीवीडी पेश की गई है, उसे कानूनी तौर पर तब स्वीकृत किया जा सकता है जब उसे प्रमाणित किया गया हो। इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है।

उन्होंने उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी के खिलाफ लगाए आरोपों को झूठा बताकर उन्हें बरी करने की मांग की।

23 मार्च के फैसले को लेकर गुजरात कांग्रेस गंभीर है।  गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर समेत स्थानीय नेता एयरपोर्ट से लेकर सूरत जिला न्यायालय तक वायनाड सांसद राहुल के रोड शो की तैयारी कर रहे है। एआईसीसी भी मामले पर नजर बनाए हुए है।  राहुल गांधी के साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के भी आने सम्भावना है।

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