ओबीसी ,ईबीसी का आरक्षण रहेगा बरक़रार , सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला - Vibes Of India

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ओबीसी ,ईबीसी का आरक्षण रहेगा बरक़रार , सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

| Updated: January 7, 2022 18:14

नीट पीजी काउंसलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया है। फैसले के तहत इस सत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक कमजोर वर्ग का आरक्षण बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि काउंसलिंग को फौरन शुरू करने की जरूरत है और हम 27 फीसदी OBC आरक्षण को मंजूरी दे रहे हैं।

इसके साथ ही 10% EWS आरक्षण भी इस साल जारी रहेगा। हालांकि EWS आरक्षण भविष्य में जारी रहेगा या नहीं, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा। इस मामले की सुनवाई मार्च में होगी।न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ ने ये फैसला सुनाया है। पीठ ने ये भी कहा है कि वह पांडेय समिति की सिफारिशों को अगले साल से लागू करने के लिए मंजूरी देती है।


क्या है मामला

केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा गया था कि मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से कहा था कि नीट काउंसलिंग को शुरू करने की इजाजत दें, वहीं केंद्र के फैसले का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं का कहना था कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया को हटाकर वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है।बता दें कि नीट के माध्यम से जो उम्मीदवारों चयनित होते हैं, उसमें से MBBS के लिए 15 प्रतिशत सीटें और MS और MD पाठ्यक्रमों के लिए 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटा के माध्यम से भरती हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता


केंद्र ने अदालत में क्‍या कहा

केंद्र सरकार की ओर से उसका पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता रख रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 27 फीसदी ओबीसी कोटा और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण दे रहे हैं। ये तो जनवरी 2019 से ही लागू है। यूपीएससी में भी ये कोटा दे रहे हैं। ऐसे में जनरल कैटेगरी को सीटों की कोई हानि नहीं हुई है, बल्कि सीटों की संख्या तो 25 फीसदी बढ़ी है। उन्होंने ये भी कहा कि पीजी कोर्स में आरक्षण के लिए कोई मना नहीं है।

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