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ट्विन टावर्स के 80,000 टन मलबे का क्या होगा?

| Updated: September 3, 2022 11:25 am

नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को सुरक्षित तरीके से गिराए कई दिन हो चुके हैं। विस्फोट के बाद चंद सेकंड में ये विशाल इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गईं। अवैध रूप से बनी इन इमारतों को सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेश पर गिराया गया। इससे पहले लंबी कानूनी लड़ाई चली। शीर्ष अदालत ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर में सालों से खड़े इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था। लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर को विस्फोट कर महज 9 सेकंड में जमींदोज कर दिया गया। कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारत गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल हुआ। अब वहां रह गया है 80,000 टन मलबा। इससे निपटना अधिकारियों का काम है।

दोनों टावर क्रमशः 32 और 29 मंजिल के थे। अब खाली पड़े एपेक्स और सेयेन टावर स्थल पर 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा पसरा हुआ है, जो लगभग 80,000 टन है। वैसे विस्फोट से पहले अंदर सभी दीवारों और ईंटों को हटा दिया गया था। केवल बाहरी कंक्रीट को छोड़ा गया था। दोनों टावरों में कुल 915 फ्लैट थे और अगर सभी को बेच दिया जाता तो सुपरटेक 1,200 करोड़ रुपये कमाता।

ट्विन टावर को ध्वस्त करने से अनुमानित 80 हजार टन मलबा निकला है। विस्फोट के दौरान हवा में धूल का विशाल गुब्बार देखने को मिला। इस मलबे को हटाने में 90 दिन यानी करीब 3 महीने लगेंगे। बताया जा रहा है कि 80,000 टन मलबे में से 4000 टन सिर्फ स्टील है। अब ये मलबा बेचकर भी करोड़ों में कमाई होगी। इसके अलावा टावरों से निकले मलबे से टाइल्स बनाई जाएंगी।

ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के अनुसार, 30,000 टन कचरे को नोएडा सेक्टर 80 में एक रीसाइक्लिंग प्लांट में ले जाया जाएगा। री सस्टेनेबिलिटी, मलबे को रिसाइकिल करने और इसे निर्माण सामग्री में बदलने के लिए जिम्मेदार कंपनी ने बताया कि कम से कम 500 टन का पहला लोड पहले ही रीसाइक्लिंग प्लांट तक पहुंच चुका था। री सस्टेनेबिलिटी के प्रोजेक्ट हेड मुकेश धीमान ने कहा, “हमने पहले से ही अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना शुरू कर दिया है, ताकि हर दिन अतिरिक्त 300 टन कचरे को डबल शिफ्ट में प्रोसेस किया जा सके।” उन्होंने कहा, “हम अगले तीन महीनों में कम से कम 28,000 टन को प्रोसेस करने में सक्षम होंगे।” 5 एकड़ में फैले रीसाइक्लिंग प्लांट में पहुंचने के बाद, मलबे को जॉ क्रशर और दूसरी मशीनों में प्रोसेस किया जाएगा, ताकि कई सारे रिसाइकिल्ड प्रोडक्ट तैयार किए जा सकें।

इन प्रोडक्ट्स में 10, 20, 30 और 40 एमएम एग्रीगेटिड पार्टिकल्स, फाइन मैन्युफैक्चरिंग सीमेंट और मोटे पार्टिकल रिसाइकिल्ड एग्रीगेटिड शामिल हैं। इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल टाइल, फुटपाथ भरने, ईंटों और ब्लॉकों जैसे पेवर ब्लॉक बनाने के लिए किया जाएगा। बड़े एग्रीगेट्स का इस्तेमाल जल निकासी की दीवारों, घर के प्लास्टर और सड़क प्रोजेक्ट्स में भी होगा। री सस्टेनेबिलिटी के सीईओ मसूद मलिक ने कहा, “हम अपने पास आने वाले लगभग 98 प्रतिशत कचरे को इस्तेमाल किए जाने वाले मटेरियल में बदल सकते हैं।”

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