कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुजरात के एक आयकर अधिकारी का 18 महीने पुराना शव बरामद किया गया है। 35 वर्षीय आयकर अधिकारी विमलेश दीक्षित का शव कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र में कृष्णापुरी स्थित घर से शुक्रवार को बरामद किया गया। उनकी मौत कोरोना के समय ही 22 अप्रैल 2021 को हो गई थी। उस समय डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करके डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था। फिर भी उनकी मौत को लेकर घर वालों को विश्वास नहीं हुआ और वह शव लेकर दूसरे अस्पताल चले गए थे। वहां भी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद परिवार वाले शव लेकर घर आ गए थे। लेकिन वे इस उम्मीद में शव को रखे हुए थे कि विमलेश एक दिन जी उठेंगे।
पुलिस ने शव बरामद होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद से मेडिकल जांच के लिए लाला लाजपत राय अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने कहा कि अहमदाबाद में इनकम टैक्स विभाग के कर्मचारी विमलेश कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी के आयकर चौराहा पर एक सहकारी बैंक में काम करने वाली पत्नी मिताली के साथ रहते थे। कोरोना के कारण उनका निधन 22 अप्रैल 2021 को ही हो गया था। उस समय बिरहाना रोड स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था। इसके बाद भी घरवालों को उनकी मौत का यकीन नहीं हुआ। इसलिए शव लेकर वे दूसरे अस्पताल चले गए। वहां भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद घरवाले विमलेश के शव को घर ले गए। यह विश्वास करते हुए कि वह किसी दिन जीवित हो जाएंगे। इस खातिर पत्नी और परिवार के सदस्य प्रतिदिन उनके शव पर ‘गंगाजल’ छिड़कते थे। जब भी स्थानीय लोगों ने पूछताछ की, तो उन्हें बताया गया कि विमलेश कोमा में हैं और उनका इलाज चल रहा है। इस तरह
विमलेश के डेढ़ साल तक गैरहाजिर होने पर उनके विभाग ने जब कानपुर के वरिष्ठ जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर जांच के लिए कहा, तो शुक्रवार को पूरा मामला सामने आ गया।
जब स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस के साथ उनके घर पर पहुंची तो परिजनों ने शव सौंपने से इनकार कर दिया। वे अपनी बात पर अड़े रहे कि विमलेश की मौत नहीं हुई है। किसी तरह टीम ने उन्हें मनाया और शव को कब्जे में लेकर लाला लाजपत राय अस्पताल भिजवाया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया। अधिकारियों ने बताया कि शव की हालत काफी खराब हो गई थी। हड्डियों में मांस सूख गया था। उन्होंने कहा, “शव लकड़ी के ‘तखत’ पर पड़ा मिला था।”