उत्तराखंड में चमोली के जिलाधिकारी (DM) हिमांशु खुराना ने भू-धंसाव (land subsidence) से प्रभावित जोशीमठ के ढाक गांव का दौरा किया। डीएम ने ग्रामीण निर्माण विभाग (RWD) को ढाक में जमीन का कंटूर नक्शा (contour map) जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ताकि प्रभावित लोगों से सुझाव लेकर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) द्वारा लोगों को हटाने की विस्तृत योजना तैयार की जाए।
जिला प्रशासन ने अब तक जोशीमठ शहर क्षेत्र में धंसने के कारण दरारों वाली 863 इमारतों की पहचान की है। डीएम के मुताबिक, इनमें से 181 भवनों को असुरक्षित जोन में रखा गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तराखंड में हुई भारी बर्फबारी के बाद कुछ इलाकों में इमारतों में दरारें चौड़ी होने की खबरें मिली हैं। हमारी टीम हीटर, गर्म पानी और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रही है। खुराना ने कहा कि जोशीमठ में भारी बर्फबारी के कारण कोई हादसा होने पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और पुलिस की टीमें अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में बिजली की समस्या पर नजर रखने के लिए एक्जीक्यूटिव स्तर का एक इंजीनियर भी शिविर में मौजूद है।
इससे पहले आपदा प्रबंधन (Disaster Management) सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने 20 जनवरी को मीडिया को जोशीमठ में किए जा रहे पुनर्वास एवं राहत कार्यों की जानकारी दी। बताया कि वहां (जेपी कॉलोनी में) पानी का प्रवाह शुरू में 540 एलपीएम था, जिसमें काफी कमी आ गई है। यह अच्छी बात है। दरअसल दो जनवरी से कॉलोनी के पास एक जगह से पानी बह रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक अंतरिम राहत के रूप में 242 प्रभावित परिवारों को 3.62 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। सिन्हा ने भी बताया कि जोशीमठ में भूमि धंसने के बाद 863 घरों में दरारें आ गई हैं और 269 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में भेज दिया गया है। शनिवार सुबह मौसम साफ होने के साथ ही होटलों- मलारी इन और माउंट व्यू- और पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण बंगले को गिराने में ड्रिलिंग मशीन और बुलडोजर लगा दिए गए।
Also Read: दिल्ली में 5 स्टार होटल को 23 लाख का चूना लगा कर भागा ठग गिरफ्तार